विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि महागठंबधन की सरकार में अपराध उद्योग फल फूल रहा है और असली उद्योग हाशिए पर चला गया है।
Bihar : बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन सरकार के उद्योग मंत्री के द्वारा चालू बजट सत्र में जिस तरह स्वीकारा गया कि बिहार से निवेशक पलायन कर रहे हैं, ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और गंभीर विषय है।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि महागठंबधन की सरकार में अपराध उद्योग फल फूल रहा है और असली उद्योग हाशिए पर चला गया है। विजय सिन्हा ने कहा कि मौजूदा महागठबंधन की सरकार में न तो निवेशक आएंगे, न उद्योग लगेगा और न ही रोजगार या नौकरियां मिलेंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शासन कुशासन में तब्दील हो गया है और अपहरण, रंगदारी, वसूली जैसे उद्योग ही राज्य के मुख्य उद्योग बन गए हैँ, जिससे निवेशक सहित आम जनता भी पलायन को मजबूर हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि पिछली एनडीए सरकार में बिहार में उद्योग का शानदार माहौल बन गया था। बड़ी संख्या में देश के अलग अलग हिस्सों से निवेशक बिहार में उद्योग लगाने के लिए आगे आ रहे थे। पिछली एनडीए सरकार में तत्कालीन उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के प्रयासों से 17 इथेनॉल प्लांट की स्थापना को स्वीकृति मिली थी लेकिन कुर्सी के मोह में मुख्यमंत्री ने महागठबंधन की सरकार बनाई और अपराधी, भ्रष्टाचारियों से समझौता किया । जिसका परिणाम आज सदन में दिखा कि उद्योग मंत्री ने खुद माना कि इथेनॉल उद्योग के निवेशक राज्य से पलायन कर गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 7 महीने में जिस तरह बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। राज्य के दूर-दराज के हिस्सों के साथ राजधानी पटना में भी अपराधियों का तांडव आए दिन देखने को मिल रहा है, इन सबसे राज्य में बड़ी मुश्किल से बना उद्योग का माहौल बिगड़ गया है और निवेशक पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार बजट 2023-24 में उद्योग का बजट भी नहीं बढ़ा जबकि राज्य की उद्योग प्रोत्साहन नीति की जरुरत के हिसाब से इसमें काफी बढ़ोतरी करने की जरुरत और गुंजाइश थी।
सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन सरकार में अपराधियों और भ्रष्ट पदाधिकारियों को संरक्षण देकर उऩके माध्यम से उद्योग लगाने वालों का भयादोहन औऱ शोषण से साफ जाहिर है कि मौजूदा बिहार सरकार की मंशा नहीं है कि राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ें और युवाओं का पलायन रुके।