प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 850 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। पदयात्रा के 77वें दिन की शुरुआत शिवहर के पुरनहिया स्थित ...
शिवहर, (संवाददाता): जन सुराज पदयात्रा के 77वें दिन की शुरुआत शिवहर के पुरनहिया स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय मीडिया से बात की। प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 850 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक 300 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। शिवहर में वे लगभग 8 से 10 दिन रुकेंगे और अलग अलग गांवों-प्रखंडों में जाएंगे।
बिहार में उद्योग धंधे और रोजगार के विषय पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि अब तक दो जिलों में घूम कर मैंने पाया कि लगभग 60 प्रतिशत से अधिक युवा, राज्य से बाहर रोजगार के अवसर के लिए दूसरे राज्य पलायन कर गए हैं। उन्होंने कैश डिपोजिट (सीडी) रेसियो का जिक्र करते हुए कहा, "देश के अग्रणी राज्यों में सीडी रेसियो का अनुपात 90% तक है, जबकि बिहार में ये अनुपात 40% है। इसका मतलब है कि अगर बिहार में लोग 100 रुपए बैंक में जमा करते हैं तो उसमें से केवल 40 रुपए बिहार के लोग ऋण के तौर पर ले सकते हैं। आज बैंकों से लोन भी लेने पर बैंकों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
बिहार देश का ऐसा राज्य है जहां होम लोन के लिए घुस देना पड़ रहा है। दूसरे राज्यों में होम लोन के लिए बैंक प्रचार प्रसार करती है, वहीं बिहार में लोग लोन मिले इसके लिए घुस देते हैं। आज लोन न मिलने की वजह से युवा खुद से कोई व्यवसाय की शुरूवात नहीं कर पा रहे हैं। अगर इन्हें लोन मिलता तो छोटी-मोटी दुकान खोल यह अपने आय का साधन खोज पाते। लालू-नीतीश के शासनकाल में बिहार का लगभग 25 लाख करोड़ दूसरे राज्यों में चला गया जिसके कारण आज बिहार में मजदूर का लड़का मजदूर बन रहा है। नीतीश कुमार के 2025 में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ने वाले बयान पर प्रशांत किशोर ने कहा कि आज राजद महागठबंधन में सबसे बड़े दल के तौर पर है।
नीतीश जी को आज ही तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए ताकि बिहार की पूरी जनता तेजस्वी की काबिलियत को देख सके। तेजस्वी के पास भी 3 साल काम करने का अवसर रहेगा। बिहार की जनता भी देख सकेगी कि तीन वर्षो में तेजस्वी यादव कितना काम कर पाते है? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। उम्र उन पर हावी है और वे सामाजिक और राजनीतिक तौर पर हताश हो चुके हैं, इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। बिहार उनकी जागीर नहीं है। नीतीश कुमार की विश्वसनीयता प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं, जदयू डूबता जहाज है। प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के10 लाख नौकरी देने के वादे पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव की कलम टूट गई है या स्याही सुख गई है, जिस कारण से नौकरी नहीं दे पा रहे हैं।
बीते दिन बिहार के लोगों ने जरूर देखा कि BTET और CTET पास किए लड़को को डाक बंगला चौराहे पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इन नेताओं को अगर 10 लाख नौकरी देनी होती, तो इन BTET-CTET पास किए शिक्षकों को नौकरी एक कलम से दे दी होती। झूठे वादे करना लोगों को बर्गलाना, भ्रम में रखना इनकी पुरानी आदत है। प्रशांत किशोर आज पदयात्रा कैंप में पिपराही और पुरनहिया प्रखंड के जन सुराज समिति के सदस्ययों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, महिलाओं और युवाओं से मुलाकात की और जन सुराज की सोच के बारे में विस्तार से बताया