यह हाल राज्य के मात्र 10 जिले का है . इस कारण इन जिलों में सड़कों का निर्माण कार्य समय पर शुरू नहीं हो पा रहा है .
Patna: पूर्व कृषि मंत्री सह गया नगर विधायक प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य सरकार के सुस्ती से जमीन अधिग्रहण के 3141 करोड रुपए 10 जिलों में पड़े हुए हैं। सड़क के लिए होने वाली जमीन अधिग्रहण का पैसा बांटने की रफ्तार राज्य सरकार की धीमी है जमीन अधिग्रहण की एवज में जिलों के 13 हजार करोड़ दिए गए। लेकिन अब भी खाते में 3141 करोड़ पड़ा हुआ है।
यह हाल राज्य के मात्र 10 जिले का है इस कारण इन जिलों में सड़कों का निर्माण कार्य समय पर शुरू नहीं हो पा रहा है . कई परियोजनाओं को कागज को तो जमीन मिल गए लेकिन पैसा नहीं मिलने के कारण किसान सड़क निर्माण शुरू नहीं होने दे रहे हैं। जमीन अधिग्रहण के कारण वर्षों से कई सड़क परियोजनाएं फंसी हुई है.
इन परियोजनाओं में पटना - गया डोभी,कन्हौली- रामनगर, मंझौली- चरौत,मुंगेर - मिर्जाचौकी, वाराणसी - औरंगाबाद,आमस - शिवरामपुर, बलभद्रपुर- बेला नवादा,उम़गांव - कलुआही,शहरघाट - रहीका, रहीका - रामपट्टी,मधुबनी बाईपास, विदेश्वर स्थान जैसे आदि स्थान शामिल हैं पैसा बांटने में ज्यादातर जिले हैं सुस्त 13 हजार करोड़ मिले पर 3 हजार करोड़ अभी खाते में पड़ा हुआ है बता दें कि गया में सबसे अधिक 630 करोड़ लंबित हैं। डॉ कुमार ने कहा कि सड़कों के निर्माण में विलंब होने के कारण राज्य के बढ़ते आबादी, राज्य के बाहर से आने वाले तीर्थयात्री, पर्यटकों के आवागमन में असुविधा के साथ-साथ आए दिन पूरे राज्य में जाम की समस्या आम बात हो गई है। जाम के कारण छात्रों, मरीज सहित आवश्यक सेवाएं प्रतिदिन प्रभावित हो रही है। राज्य सरकार से मांग करता हूं कि सड़क के लंबित योजनाओं को अविलंब पूरा करें अन्यथा आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।