उन्होंने कहा, "बिहार एकमात्र राज्य है जहां महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
पटना: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाया गया महिला आरक्षण विधेयक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की ओर से बहुत पहले महिलाओं को दिए गए आरक्षण से प्रेरित है।
रंजन ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लाकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार आज जो करता है, कल पूरा देश उसे अपनाता है। रंजन ने कहा, "2006 में बिहार महिलाओं को स्थानीय निकायों और पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना। नीतीश कुमार ने नवंबर, 2005 में मुख्यमंत्री पद संभालने के कुछ ही महीनों में यह साहसिक कदम उठाया था।"
उन्होंने कहा, "बिहार एकमात्र राज्य है जहां महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। शिक्षा विभाग में 50 प्रतिशत आरक्षण है। नतीजेतन अब हमारे पास दो लाख महिला शिक्षक हैं।"
जदयू प्रवक्ता ने कहा, "पुलिस बल में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में भी काफी सुधार हुआ है। 29,175 कर्मियों के साथ, बिहार में पुलिस बल में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है।"
उन्होंने राज्य द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कई अन्य कदमों का भी जिक्र किया, जिसमें स्कूली छात्राओं को मुफ्त साइकिल और वर्दी प्रदान करना शामिल है, जिससे उनके दाखिले के अनुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
जद (यू) नेता ने महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की योजनाओं के अलावा उच्च अध्ययन करने वालों के लिए छात्रवृत्ति का भी उल्लेख किया।.
केंद्र सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया।
विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के बीच ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किया। इस विधेयक को पूरक सूची के माध्यम से सूचीबद्ध किया गया था। नये संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।