उपेन्द्र कुशवाहा ने राजद के साथ जाने के पहले इसी बात का आगाह किया था।
पटना: राष्ट्रीय लोक जनता दल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मोतिहारी में राष्ट्रपति के मंच को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने मोतिहारी में राष्ट्रपति के साथ मंच से एक राजनैतिक दल एवं उनके नेताओं की चर्चा की वह सर्वथा अनुचित है। इस तरह की बातों का न वह अवसर था न ही मंच। उनकी बातों से तो यही प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री जी काफी हताशा में हैं परंतु अब उन्हें कहीं भी न उचित माध्यम मिल रहा है न अवसर।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता शम्भू नाथ सिन्हा ने आज जारी एक बयान में कहा कि विगत कुछ वर्षों में नीतीश कुमार ने राजनैतिक रूप से ऐसा दोहरा चरित्र अपना लिया है कि उनकी स्थिति अब न घर की रह गई न घाट की। वो जहां हैं,वहां भी उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है और जहां से आए थे उन्हों ने अपने दरवाजे बंद कर लिए। ऐसी परिस्थिति में नीतीश जी की इस तरह की बातों का कोई महत्व नहीं रह जाता है। नीतीश कुमार हमेशा दो नावों की सवारी करते रहे हैं और अपनी व्यक्तिगत सुविधा के अनुसार निर्णय लेते रहे हैं परंतु उनका यह चरित्र पूरी तरह उजागर हो चुका है अब न कोई दल उनपर भरोसा करने के लिए तैयार है न ही नेता। उपेन्द्र कुशवाहा ने राजद के साथ जाने के पहले इसी बात का आगाह किया था।
नीतीश कुमार द्वारा यह कहना कि मरते दम तक भाजपा नेताओं तक उनके संबंध बने रहेंगे, उस कहावत को चरितार्थ करता है कि "गुल खायेंगे पर गुलगुला से परहेज है।