उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता मीडिया के सामने शराबबंदी के पक्ष में खड़े रहने का दावा करते हैं, वहीं दूसरी...
पटन : बिहार प्रदेश राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के (एनसीपी) नेता सुनील सिंह ने जहरीली शराब से किसी भी व्यक्ति की असामयिक मृत्यु होना यकीनन दुखद है, लेकिन इसके आड़ में भाजपा जिस तरह से अपनी राजनीति चमकाना चाह रही है उसकी जितनी निंदा की जाए कम होगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून सर्वदलीय फैसले के तहत लागू किया गया था, जिसमें भाजपा भी शामिल थी। लेकिन सत्ता से बेदखल किये जाने के बाद से यह शराबबंदी के पक्ष में ली हुई अपनी कसम को भी भूल गये हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता मीडिया के सामने शराबबंदी के पक्ष में खड़े रहने का दावा करते हैं, वहीं दूसरी तरफ इनका एक भी काम इनके समर्थन में नहीं रहता। दरअसल भाजपा के नेता शराबबंदी खत्म करवा गरीबों को फिर से नशे की आग में झोंकना चाहती है। जिससे इन्हें वोटों की खेती करने में आसानी हो।
आगे सिंह ने कहा कि भाजपा को समझना चाहिए कि शराब एक सामाजिक कुरीति है, शराबबंदी कानून इसी के खात्मे के लिए लाया गया है। बिहार का भला चाहने वाला हर कोई इसमें सहयोग करेगा। लेकिन शराबियों को हतोत्साहित करने के बजाए भाजपा के कई नेता इस कानून को शिथिल करने की मांग कर उलटे उन्हें शराब पीने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। भाजपा को बताना चाहिए कि भाजपा विधायकों और सांसदों ने अपने स्तर से शराब के खिलाफ आज तक कितने जागरूकता कार्यक्रम चलाये हैं? वह बताएं कि उनके संगठन ने आज तक कितने शराब माफियाओं को पकड़वाने में पुलिस की मदद की है? भाजपा को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी पर ओछी राजनीति करने से बेहतर है कि भाजपा विधानसभा में लिखित तौर पर इसे समाप्त करने की मांग करे।