महिलाओं के सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक उत्थान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका सर्वोपरि है।
पटना : जनता दल (यू0) मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार एवं लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे आम लोगों की समस्याओं कोे सुनकर उनके समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा महिला आरक्षण बिल के संबंध में पूछे गए सवाल पर माननीय मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में अब तक जो निर्णायक पहल किये गये हैं उसी का अनुकरण करते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल लाने का निर्णय लिया है। हम मानते हैं कि यह बिल पूरी तरह से माननीय मुख्यमंत्री के नारी सशक्तिकरण माडल से प्रेरित है।
बिहार के अंदर माननीय श्री नीतीश कुमार ने नगर निकाय एवं पंचायती राज में 50 फ़ीसदी का आरक्षण का प्रावधान कर महिलाओं को उनका हक और सम्मान देने का काम किये। श्रवण कुमार ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में दलित, आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि अगर इंडिया गठबंधन का गठन नहीं होता और भारतीय जनता पार्टी को केन्द्र की सत्ता जाने का भय नहीं रहता तो शायद महिला आरक्षण बिल को नहीं लाया जाता। मंत्री जयंत राज ने बताया कि यह बिहार के लिए गर्व की बात है कि आज देश में सबसे अधिक महिला पुलिसकर्मी बिहार में कार्यरत है। माननीय मुख्यमंत्री ने सरकारी नौकरियों में भी बिहार की महिलाओं को 35 फ़ीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक काम किये।
महिलाओं के सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक उत्थान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका सर्वोपरि है। जयंत राज ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में इस बात का उल्लेख है कि इसमें परिसीमन की बात लागू किया जाएगा और बगैर जनगणना के परिसीमन मुमकिन नहीं है, केन्द्र सरकार जनगणना कराने में लगातार विलंब कर रही है यानी महिला आरक्षण बिल अमल में कब तक लाया जाएगा इसका कोई समय निर्धारित नहीं है। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द इसको अमल में लाया जाए। जनसुनवाई कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश महासचिव लोकप्रकाश सिंह उपस्थित थे।