जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि CM नीतीश की कवायद से भाजपा के नेताओं की नींदे उड़ी हुई हैं.
पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि भाजपा की तानाशाही से खतरे में पड़े लोकतंत्र को बचाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुहीम का परिणाम दिखने लगा है. उनकी पहल पर देश के तमाम राज्यों के प्रमुख नेतागण और पार्टियां भाजपा के खिलाफ एकजुट हो चुके हैं, जिसे देख कर भाजपा की सांसें अभी से फूलनी शुरू हो गयी है. आगामी जून में विपक्ष के तमाम दलों की महा-बैठक के बाद में भाजपा निश्चित ही वेंटिलेटर पर चली जाएगी.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के उन गिने चुने नेताओं में से हैं जिनका दामन इतने लंबे राजनीतिक सफ़र के बाद भी आज तक बेदाग है. सुशासन के प्रतीक माने जाने वाले नीतीश कुमार के प्रशंसक आज भी देश के कोने कोने में हैं. यही वजह है कि तमाम राजनीतिक दल उनकी बात को काफी महत्व देते हैं. इसीलिए भाजपा के खिलाफ विपक्ष की तमाम राजनीतिक पार्टियों को एकजुट करने की उनकी मुहीम को देशव्यापी समर्थन मिल रहा है. सभी दलों को यह विश्वास है कि भाजपा के कुशासन को नीतीश जी के सुशासन मॉडल के जरिये ही ठोस जवाब दिया जा सकता है.
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश की कवायद से भाजपा के नेताओं की नींदे उड़ी हुई हैं. पिछले डेढ़ महीने में तमाम क्षेत्रीय दलों की रजामंदी के बाद कल राहुल गाँधी और कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री जी की सफलतापूर्ण बैठक के बाद यह तय हो चुका है कि पूरे देश से भाजपा का सूपड़ा साफ़ होने वाला है. आगे जून में महाबैठक के बाद पूरे देश में एक नई क्रांति का सूत्रपात होगा, जिसकी लहर में भाजपा तिनके की तरह उड़ जायेगी. भाजपा के नेता भी यह जान चुके हैं विपक्ष की चट्टानी एकता के आगे उनका टिक पाना नामुमकिन है. उन्हें पता है कि 2024 में परिवर्तन होना निश्चित है.
उन्होंने कहा कि नीतीश की इस मुहीम से सबसे अधिक खुश भारत की जनता है. दरअसल भाजपा के अहंकार और सामन्तवादी रवैए से आज देश के गरीब, मजदूर, किसान, मध्य वर्ग, पिछड़ा-अतिपिछड़ा सब नाखुश है. लोग जान चुके हैं कि भाजपा सपनों की सौदागर है, जो वादे तो करती है, लेकिन उन्हें पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती. न तो इनके राज में लोगों को रोजगार मिला, न ही इन्होने पेट्रोल-डीजल के दाम कम किये, न इनके राज में किसानों की आमदनी दुगनी हुई और न ही महिलाओं के सशक्तिकरण पर कोई काम हुआ. हकीकत में जनता अब इनसे ऊब चुकी है. उन्हें पता है कि केवल नीतीश जी के नेतृत्व में ही देश को भाजपा से मुक्ति मिल सकती है