निषाद संघ ने बिहार के मुख्यमंत्री और पिछड़ा वर्ग आयोग को पत्राचार द्वारा अनुरोध किया था।
पटना, (संवाददाता ) : पटना के पुनाईचक मेंअवस्थित बिहार निषाद संघ के प्रदेश कार्यालय में संघ के प्रदेश कोर कमिटी की बैैठक की अध्यक्षता करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष ई हरेंद्र प्रसाद निषाद ने बताया कि वर्ष 2018 में पिछड़े वर्गों की सूची के क्रमांक 07,11 ,16,21,23,28,36,40,52,53,64,67 एवं73 पर अंकित "निषाद " समुदाय की जाति/उपजाति क्रमश केवट (केउट), केवर्त, खंगर, गोढ़ी, गंगोता,चांय, तियर, धीमर, बेलदार, बिन्द,मल्लाह, मोरियारी एवं वनपर को एकीकृत कर "निषाद" शीर्ष के अन्तर्गत समावेशित कर अधिसूचित करने हेतु बिहार निषाद संघ ने बिहार के मुख्यमंत्री और पिछड़ा वर्ग आयोग को पत्राचार द्वारा अनुरोध किया था।
जनवरी 2023 में इसी कार्य के लिए संघ बिहार राज्य अति पिछड़ा वर्ग आयोग को भी पत्र द्वारा अनुरोध किया है किन्तु निषाद के इस समस्या को सरकार ने नजरअंदाज किया है। अगर सरकार निषाद के सभी उपजातियों को यादवऔर बनिया की तरह एक ही निषाद शीर्ष में समावेशित कर देती तो जातीय जनगणना में हम सभी एक ही जाति एक ही कोड लिखवाते जिससे निषाद की जनसंख्या का सही आकड़ा मिलता जिसके अनुरूप सभी क्षेत्रों में अपनी भागीदारी सुशिक्षित कराते।सभी उपजातियों को अलग-अलग जाति कोड़ लिखवाने पर बिखराव पैदा होगा।
बिहार निषाद संघ ने बिहार के प्रत्येक जिलों के निषाद भाई बहनो से इस संदर्भ में विचार-विमर्श किया। सबकी राय बनी कि हम सभी निषाद जातीय जनगणना में जाति-मल्लाह, लिखवायें, कोड लिखना जनगणना करने कर्मचारी का काम है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि ऐसा करने के लिए प्रचार प्रसार में तेजी लाई जाय और यह भी निर्णय लिया गया कि अगर सरकार शीघ्र निषाद के सभी उपजातियों एकीकृत कर निषाद शीर्ष में समावेशित कर एक कोड़ घोषित नहीं करती है तो बिहार निषाद संघ पुरे बिहार में आन्दोलन शीघ्र शुरू करेगा। बैठक में धीरेन्द्र कुमार निषाद, मनोजकुमार, उमेश मंडल, सुरेश प्रसाद सहनी,जयराज निषाद, विजेंद्र कुमार निषाद, रणवीर कुमार, अखिलेश कुमार निषाद सहित कई संघ के लोगों ने भाग लिया।