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लगभग 4 माह बीत गए चीनी मिल अब बंद भी होने कगार पर है।
Patna: बिहार सरकार ने गन्ने के मूल्य का निर्धारण अभी तक नही किया है,किसान भाई कई सौ करोड़ के गन्ने जिले के पांच चीनी मिलों को आपूर्ति कर चुके हैं,जिनमें उनके करोड़ो रूपये खर्च हुए हैं।घर गृहस्थी चलाने और उनके बच्चों की पढ़ाई, ईलाज और साथ ही पारिवारिक सदस्यों की शादी के लिए पैसों के लाले पड़ रहे है,लेकिन लगता है,बर्तमान जद यू- राजद की सरकार गन्ना किसानों के विरोधी बन बैठी है,क्योकि मिल चालू हुए 4 माह से ऊपर हो गए परंतु गन्ने के मूल्य का निर्धारण नही हो सका ।चीनी मिल प्रबंधन इसी बहाने भुगतान भी नहीं कर रही है। चंपारण के किसानों की आर्थिक स्थिति यहां की एकमात्र नकदी फसल गन्ना पर ही निर्भर होता है, परंतु अभी तक बिहार सरकार द्वारा गन्ना मूल्य निर्धारण न कर पाना सरकार तथा गन्ना मंत्री जी की उदासीनता को दर्शा रहा है।
लगभग 4 माह बीत गए चीनी मिल अब बंद भी होने कगार पर है। मैं समझता हूं कि यह घटना इतिहास में पहली बार है की सीजन समाप्त होने के बाद भी गन्ना का मूल्य निर्धारण न किया जा सका साथ ही गन्ने की पर्ची पर मूल्य का अंकित नहीं होना यह दिखाता है कि सरकार कितना संवेदनहीन है।
मैं बिहार सरकार से यह मांग करता हूं कि किसानों के गन्ना का मूल्य निर्धारण शीघ्र अति शीघ्र किया जाए तथा साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों से भी निवेदन करता हूं कि आप सभी जनप्रतिनिधि विधानसभा और लोकसभा में मजबूती के साथ आवाज उठाए ताकि बिहार सरकार गन्ने का मूल्य निर्धारण कर सके जिससे किसान लाभान्वित हो सकें।