माननीय मंत्री ने कहा कि मशरूम के उत्पादन के क्षेत्र में देश में बिहार अव्वल नंबर पर है।
Patna: कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत द्वारा विकास भवन, नया सचिवालय, पटना अवस्थित अपने कार्यालय कक्ष में कृषि विभाग में उद्यान निदेशालय द्वारा कार्यान्वित योजनाओं की समीक्षा की गई। इस बैठक में सचिव, कृषि विभाग श्री संजय कुमार अग्रवाल, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, संयुक्त सचिव शैलेन्द्र कुमार, माननीय मंत्री के आप्त सचिव राजीव रंजन, अपर निदेशक (शष्य) धनंजय पति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (शष्य), पीपीएम संतोष कुमार उत्तम, संयुक्त निदेशक उद्यान राधा रमण सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
माननीय मंत्री ने कहा कि मशरूम के उत्पादन के क्षेत्र में देश में बिहार अव्वल नंबर पर है। विभाग को जरूरत है कि इस संबंध में एक स्पष्ट नीति बनायें, जिससे किसान कृषक उत्पादक संगठन बनाकर इसका मार्केटिंग कर सके। उन्होंने कहा कि इसी तरह मखाना उत्पादन के क्षेत्र में भी बिहार देश में अव्वल है। अब जरूरत है कि मखाना का उत्पादन बढ़ाया जाये तथा इसके उत्पादन क्षेत्र का विस्तार किया जाये। किसानों को मजबुरी में मखाना का विक्री ना करना पड़े, इसके लिए मखाना के भण्डारण का इंतजाम किया जाए। मखाना भंडारण करने हेतु किसानों को अनुदान पर उच्च गुणवत्तायुक्त वाले बैग उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसान मखाना को एक-दो महीने भी भण्डारित कर लेगा तो उनको इसकी विक्री से अच्छी आमदनी प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी निदेश दिया कि एम्स, पीएमसीएचजैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत डाॅक्टर के लिए मखाना पर एक विशेष सेमिनार आयोजित किया जाए, जिससे डाॅक्टर मरीजों को मखाना में पाये जाने वाले स्वास्थ्यवर्द्धक पोषक तत्वों के बारे में बता सके। इससे मखाना की विक्री बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि दरभंगा जिला में मखाना के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निदेश दिया कि फसल विशेष पर ध्यान केन्द्रित करते हुए हर महीने उद्यान निदेशालय सेमिनार/उत्सव का आयोजन करावें, जिससे उस फसल का अधिक मार्केटिंग हो सके।
उन्होंने आगे बताया कि चाय उत्पादन के क्षेत्र में बिहार देश में पाँचवें स्थान पर हैं। उन्होंने निदेश दिया कि बिहार में चाय के लिए एक विशेष योजना बनायी जाये, जिससे इसका उत्पादन एवं उत्पादन क्षेत्र बढ़ाया जा सके। उन्होंने चाय उत्पादक किसानों को चायपत्ती ढोने के लिए अनुदान पर वाहन उपलब्ध कराने का निदेश दिया जिससे वे चाय बगान से चायपत्ती तोड़कर स्थानीय प्रसंस्करण प्लांट में कम समय में भेज सके, जिससे चायपत्ती की गुणवत्ता बरकरार रहे। उन्होंने बिहार में चाय प्रसंस्करण इकाई को बढ़ावा देने के लिए अलग से इंडस्ट्रीयल फीडर के माध्यम से विद्युत आपूर्ति करने हेतु ऊर्जा विभाग से समन्वय स्थापित करने का निदेश अधिकारियों को दिया।
इसी तरह से उन्होंने ड्रैगन फ्रूट, अनानास, केला इत्यादि के उत्पादन पर भी विशेष बल देने का निदेश दिया। उन्होंने पान उत्पादन के क्षेत्र में भी फोकस करने को कहा तथा पान विकास के लिए अलग से एक योजना बनाने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि वैशाली जिला में पान के लिए सेंटर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी। उन्होंने निदेश दिया कि प्याज भंडारण के लिए भी एक योजना प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने कहा कि नर्सरियों का विकास किया जाये। साथ ही, उन्होंने राज्य में स्थापित राजकीय नर्सरियों को पी॰पी॰पी॰ मोड में विकसित करने का निदेश दिया, जिससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री मिल सके। उन्होंने कहा कि राजकीय बीज उत्पादन प्रक्षेत्र में आलु जैसे उद्यानिक फसलों का गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन पी॰पी॰पी॰ मोड में किया जायेगा। उन्होंने वर्तमान मौसम में धान, मक्का आदि फसलों की बोआई का आँकड़ा संग्रहण की तरह ही उद्यानिक फसलों के आच्छादन का आंकड़ा भी संग्रह करने का निदेश दिया। इससे उद्यानिक फसलों का जिलावार उत्पादन एवं उत्पादन क्षेत्र के बारे में जानकारी मिल सकेगी.
कुमार ने कहा कि राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ उद्यानिक फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने तथा उसके लिए बेहतर बाजार की व्यवस्था, समुचित भंडारण एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था की कार्रवाई की जा रही है।