अगले मौसम में गया जिला में तिल की खेती का और क्षेत्र विस्तार किया जायेगा।
Patna: कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि गया जिला का तिलकुट पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहां के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित तिलकुट की देश-विदेश में मांग है। परंतु, तिलकुट निर्माण हेतु तिल के लिए गया जिला दूसरे राज्यों विशेषकर राज्यस्थान, गुजरात आदि पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि इस निर्भरता को दूर करने के लिए कृषि विभाग के द्वारा इस बार गया जिला में बड़े पैमाने पर तिल उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत् खरीफ के मुख्य मौसम के साथ गरमा मौसम में भी तिल की खेती करने का कार्यक्रम है। उन्होंने आगे बताया कि खाद्य एवं पोषण सुरक्षा-कृषोन्नति योजना (NFSM) के तहत् इस गरमा मौसम में 21 क्विंटल गरमा तिल के बीज का वितरण किसानों के बीच किया गया है। लगभग 500 एकड़ में गरमा तिल की खेती की गई है। तिल के फसल की स्थिति अच्छी है, फूल आ रहे हैं। किसानों में तिल के अच्छे उत्पादन की उम्मीद जगी है। व्यापारी भी तिल की खरीदारी करने के लिए किसानों से सम्पर्क करने लगे हैं. उम्मीद है कि तिल की खेती से किसानों को अच्छी आय होगी। अगले मौसम में गया जिला में तिल की खेती का और क्षेत्र विस्तार किया जायेगा।
कुमार ने कहा कि गया जिला में गरमा मौसम के अलावा खरीफ मौसम में भी बड़े पैमाने पर तिल की खेती की जायेगी। आने वाले समय में गया जिला के तिलकुट निर्माण के लिए तिल गया जिले में ही पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकेगा।