सिन्हा ने कहा कि गत जून माह में राज्य में विभिन्न विभागों में पदों की बिक्री हेतु बोली लग रही थी।
पटना: बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 30 जून को किए गए 489 तबादले को रद्द कर दिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्होंने 30 जून से पहले ही विभिन्न विभागों में ट्रांसफर पोस्टिंग में भारी पैमाने पर अनियमितता और वसूली के विरूद्ध आवाज उठाई थी और मीडिया के माध्यम से सरकार को भी सचेत किया था।
सिन्हा ने कहा कि गत जून माह में राज्य में विभिन्न विभागों में पदों की बिक्री हेतु बोली लग रही थी। भ्रष्ट सरकारी कर्मी अपने अपने विभाग में सीधा या एजेंट के माध्यम से सक्षम प्राधिकार के निकटवर्ती स्रोतों को उनके मन माफिक राशि पहुँचा रहे थे। उस दौरान मलाईदार विभागों के कर्मियों के ऑफिस से कार्यालय तक भीड़ लगी रहती थी। जिनकी बोली उपर की होती थी उनकी भेंट स्वीकार की जा रही थी।
सिन्हा ने कहा कि पथ निर्माण, स्वास्थ्य, नगर विकास, ग्रामीण कार्य, समाज कल्याण, विज्ञान एवं प्रावैधिकी सहित दर्जनों अन्य विभागों में ट्रांसफर पोस्टिंग की गयी है लेकिन कार्रवाई के लिए एकमात्र राजस्व विभाग को चुना गया और ईमानदार छवि दिखाने की कोशिश हुई है। लेकिन राज्य की जनता सब जानती है। सत्ता से जुड़े लोग भी भली भाँति वाकिफ है। ट्रांसफर रद्द कर दबाब में बाद में उसी सूची में साधारण जोड़ घटाव कर बहाल कर दिया जाता है।
सिन्हा ने कहा कि समाज कल्याण विभाग में भी हुए ट्रांसफर पोस्टिंग में भारी धांधली की गई है। पटना जिला में सी.डी.पी.ओं की पोस्टिंग का रेट सबसे ऊँचा था। इसी प्रकार डी.पी.ओ एवं अन्य पदों पर भी बोली लगी थी। इसलिए समाज कल्याण विभाग सहित जदयू के मंत्रियों के जिम्मे मलाईदार विभागों में हुए ट्रांसफर पोस्टिंग की भी विस्तृत जाँच की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय भी इससे अनभिज्ञ नहीं है।
सिन्हा ने कहा कि अब मुख्यालय के स्तर के साथ साथ प्रमंडल से प्रखंड लेभेल तक तबादलें का उद्योग फलफूल रहा है। इसमें उगाही की राशि उपर तक निर्बाध रूप से पहुँच रहा है। पैसा देकर पोस्टिंग कराने वाले कर्मी पहले पहले दिन से लूट खसोट में लग जाते हैं।
सिन्हा ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि यदि सरकार की छवि की उन्हें वास्तव में चिंता है तो अन्य विभागों के तबादलों की भी शीघ्र जाँच कर रद्द करने का आदेश दें।