अनुदान की राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी देय होगा।
Patna: कृषि विभाग मंत्री कुमार सर्वजीत द्वारा विकास भवन, नया सचिवालय, पटना अवस्थित अपने कार्यालय कक्ष में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया गया। इस अवसर पर कृषि निदेशक आलोक रंजन घोष सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं ग्लोबल वार्मिंग के फलस्वरुप जलवायु की परिस्थितियों में निरंतर परिवर्तन हो रहा है, जिसका सबसे ज्यादा कुप्रभाव हमारी खेती पर पड़ रहा है। इस बार भी समय से पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हो पाने के कारण सुखाड़ जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है, जिसके कारण किसानों के समक्ष समस्या उत्पन्न हो रही है। अभी तक सामान्य रुप से 442.3 मिली मीटर वर्षा होनी चाहिए थी, परन्तु मात्र 242.2 मिली मीटर ही वर्षा हो पायी है, यानि सामान्य से 45 प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जिसके फलस्वरुप धान की रोपनी प्रभावित हुई है। इस वर्ष धान का आच्छादन 35,97,595 हेक्टेयर में किया जाना है, जिसके विरूद्ध 17,69,688 हेक्टेयर धान की रोपनी हुई है, जो लक्ष्य का मात्र 49.19 प्रतिशत है। इसी प्रकार इस वर्ष मक्का का आच्छादन लक्ष्य 331367 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जिसके एवज में अभी तक 273087.42 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बुआई की गई है, जबकि पिछले वर्ष इस अवधि तक 30 प्रतिशत धान की रोपनी एवं 33.7 प्रतिशत मक्का की बुआई हुई थी।
मंत्री ने कहा कि इस परिस्थिति में लगे हुए धान के बिचड़ों एवं रोपे गए धान तथा मक्का आदि की फसल को सूखने से बचाने तथा खाली पड़े खेतों में धान की रोपनी हो पाए इसके लिए हमारी सरकार ने डीजल अनुदान देने का निर्णय लिया है। वैसे तो हमारी सरकार द्वारा डेडिकेटेड एग्रीकल्चर फीडर के माध्यम से पहले से ही किसानों को खेती के लिए 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। कृषि फिडर से ‘‘ 12 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति’’ की सुविधा राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे किसानों द्वारा विद्युत चालित पम्पसेट का उपयोग करते हुए रोपनी का कार्य किया जा रहा है। इसके बावजूद हमारी सरकार ने डीजल पर भी अनुदान देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है। अभी तक डीजल अनुदान के लिए कुल 13,901 किसानों का आवेदन विभाग को प्राप्त हो चुका है।
मंत्री ने आगे बताया कि खरीफ फसलों की सिंचाई डीजल पम्पसेट से करने के लिए क्रय किए गए डीजल पर 75 रूपये प्रति लीटर की दर से 750 रूपये प्रति एकड़, प्रति सिंचाई डीजल अनुदान दिया जाएगा। धान का बिचड़ा एवं जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1,500 रूपये प्रति एकड़ देय होगा। खड़ी फसल में धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2,250 रूपये प्रति एकड़ देय होगा। यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए देय होगा। कुल पाँच सिंचाई के लिए 3,750 रूपये प्रति एकड़ प्रति किसान देय होगा, यानि एक किसान को कुल मिलाकर 30 हजार रूपये तक की सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी। यह अनुदान सभी प्रकार के किसानों को देय होगा। अनुदान की राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी देय होगा।
इस योजना का लाभ कृषि विभाग के डी॰बी॰टी॰ पोर्टल में आॅनलाईन पंजीकृत किसानों को ही दिया जायेगा। परिवार के किसी एक सदस्य को ही डीजल अनुदान का लाभ देय होगा। पति-पत्नी एवं उनके पुत्र/पुत्री जो एक साथ रहते हो, को एक परिवार मानकर उनके द्वारा एक ही आवेदन स्वीकार किया जायेगा। परिवार के विभाजन एवं पृथक परिवार की स्थिति में अलग-अलग आवेदन स्वीकार किया जा सकता है, बशर्ते एक ही भूमि के लिए आवेदन नहीं दिया गया है। बिहार राज्य के अंदर निबंधित पेट्रोल पंप से सिंचाई हेतु क्रय किये गये डीजल पर ही अनुदान देय होगा। डीजल अनुदान की राशि आवेदक के आधार से जुड़े बैंक खाते में ही अंतरित की जायेगी। अगर बैंक खाता आधार संख्या से जुड़ा नहीं होगा तथा एन॰पी॰सी॰आई॰ से लिंक नहीं होगा तो वैसे किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। वैसे किसान, जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं (गैर रैयत), उन्हें प्रमाणित/सत्यापित करने के लिए सम्बन्धित वार्ड सदस्य/वार्ड पार्षद/मुखिया/सरपंच/पंचायत समिति सदस्य में से एक जनप्रतिनिधि एवं कृषि समन्वयक के द्वारा संयुक्त रूप से विहित प्रपत्र में हस्ताक्षरित दस्तावेज की व्यवस्था अनिवार्य होगी। सत्यापित करते समय यह ध्यान रखा जायेगा कि वास्तविक खेती करने वाले जोतदार को ही अनुदान का लाभ मिले। जिलों में डीजल अनुदान वितरण की आवश्यकता का आकलन सम्बन्धित जिला पदाधिकारी द्वारा कृषि टास्क फोर्स की बैठक में करने के पश्चात आवश्यकता के अनुरूप डीजल अनुदान वितरण का निर्णय लिया जा सकेगा। डीजल अनुदान योजना खरीफ 2023 का लाभ प्राप्त करने के लिए विज्ञापन प्रकाशन एवं उसमें अंकित तिथि के पश्चात डीजल पम्पसेट से सिंचाई के लिए क्रय किये गये डीजल के लिए ही अनुदान मान्य होगा। साथ ही, अन्तिम तिथि 30 अक्टूबर, 2023 तक खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए क्रय किये गये डीजल पर ही अनुदान का लाभ मान्य होगा।
उन्होंने बताया कि किसान, कृषि विभाग के वेबसाईट dbtagriculture.bihar.gov.in पर उपलब्ध “अनुदान के लिए आवेदन” मेनू पर क्लिक करेंगे और अनुदान के प्रकार यानि “डीजल अनुदान” का चयन करेंगे। डीजल अनुदान आवेदन के लिए 13 अंकों का पंजीकरण संख्या भरना अनिवार्य होगा। सही पंजीकरण संख्या अंकित करने की स्थिति में आवेदक को पंजीकरण विवरणी के साथ-साथ आवेदन प्रपत्र ‘‘डिस्प्ले” किया जाएगा। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस केंद्र/वसुधा केंद्र से ऑनलाईन डीजल अनुदान आवेदन के लिए संपर्क कर सकते हैं अथवा स्वयं अपने मोबाइल/लैपटॉप से डीजल अनुदान के लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं।