Court News:  हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी, 'विवाह योग्य उम्र न होने के बावजूद प्रेमी जोड़े को स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार'

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Court News:  हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी, 'विवाह योग्य उम्र न होने के बावजूद प्रेमी जोड़े को स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार'
Published : Apr 30, 2024, 11:31 am IST
Updated : Apr 30, 2024, 11:31 am IST
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High Court, couple has the fundamental right to life and liberty
High Court, couple has the fundamental right to life and liberty

याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21 प्रत्येक नागरिक को जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है

Court News In Hindi: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी जोड़े को केवल इस आधार पर जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है कि उनकी उम्र विवाह योग्य नहीं है। लड़के की उम्र 19 साल और लड़की की उम्र 17 साल है, जिन्हें हाई कोर्ट ने पंचकूला स्थित बाल गृह में भेजने का आदेश दिया है।

सिरसा की लड़की ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है लेकिन फिलहाल उसकी और उसके प्रेमी की उम्र शादी के लायक नहीं है। उन्हें अपने परिवार और रिश्तेदारों से खतरा है और ऐसे में उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए जाएं। दोनों पक्ष एक-दूसरे से बात करने के लिए हाई कोर्ट के मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र में उपस्थित हुए। हालांकि लड़की ने कहा कि वह अपने माता-पिता के साथ नहीं जाना चाहती।

याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21 प्रत्येक नागरिक को जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है और राज्य इसे सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है। यदि उन्हें परिवार से कोई धमकी मिलती है, तो एसपी को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो उन्हें अंतरिम सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। अदालत ने नाबालिग लड़की को बाल गृह भेजने का आदेश देते हुए यह भी कहा कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत गठित बाल कल्याण समिति बाल गृह सिरसा में लड़की के हितों को सुनिश्चित करेगी।

हाई कोर्ट ने लड़की को पंचकूला के बाल गृह भेजने का निर्देश देते हुए कहा कि चूंकि लड़की नाबालिग है, इसलिए माता-पिता की तरह अदालत के लिए भी नाबालिग के हित में कदम उठाना जरूरी हो जाता है। उसे तब तक पंचकूला में रखा जाएगा जब तक कि सिरसा के पुलिस अधीक्षक आकर उसे बाल गृह, सिरसा नहीं ले जाते। वहां वह जवान होगी और जब वह वयस्क हो जाएगी, तो वह यह चुनने के लिए स्वतंत्र होगी कि वह कहां रहना चाहती है।

(For more news apart from High Court, couple has the fundamental right to life and liberty news in hindi, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi) 

Location: India, Haryana, Sirsa

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