‘पालतू’ हाथियों की डीएनए प्रोफाइलिंग शुरू करेगा बिहार

खबरे |

खबरे |

‘पालतू’ हाथियों की डीएनए प्रोफाइलिंग शुरू करेगा बिहार
Published : Nov 30, 2022, 4:47 pm IST
Updated : Nov 30, 2022, 4:47 pm IST
SHARE ARTICLE
Bihar to start DNA profiling of 'domesticated' elephants
Bihar to start DNA profiling of 'domesticated' elephants

वर्ष 2002 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत ऐसे ‘पालतू’ हाथियों की बिक्री पर प्रतिबंध है, जो राज्य वन विभाग में पंजीकृत नहीं हैं।

पटना  :  बिहार सरकार जंगली हाथियों के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही राज्य के सभी ‘पालतू’ हाथियों की डीएनए प्रोफाइलिंग शुरू करेगी। बिहार के मुख्य वन्यजीव संरक्षक पी के गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो राज्य सरकार केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा समर्थित डीएनए प्रोफाइलिंग परियोजना को मध्य दिसंबर से शुरू कर देगी।

उन्होंने कहा, “इस परियोजना का मकसद राज्य के सभी ‘पालतू’ हाथियों का व्यापक डेटाबेस तैयार करना है। डेटाबेस में हर ‘पालतू’ हाथी की तस्वीर के साथ-साथ उसका आनुवंशिक (जेनेटिक) डेटा शामिल किए जाने की संभावना है। यह पहल जंगली हाथियों के अ‍वैध कारोबार पर लगाम लगाने में मददगार साबित होगी।”

गुप्ता ने कहा, “डीएनए के नमूने जुटाने के लिए राज्य वन विभाग भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) द्वारा तैयार एक छेड़छाड़ रहित सैंपलिंग किट और एक विशेष मोबाइल अनुप्रयोग (ऐप्लिकेशन) उपलब्ध करा रहा है।” उन्होंने बताया कि राज्य वन विभाग के अधिकारियों की सख्त निगरानी में योग्य पशु चिकित्सक डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए हाथियों के खून और मल के नमूने एकत्रित करेंगे।

गुप्ता ने कहा, “सभी चरणों में पशुओं की पर्याप्त देखभाल सुनिश्चित की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरी प्रक्रिया के दौरान हाथियों को कम से कम असुविधा हो। प्रत्येक हाथी और उसके मालिक का रिकॉर्ड यह पता लगाने में मदद करेगा कि कहीं किसी हाथी की अवैध रूप से खरीद-फरोख्त तो नहीं की गई है।”.

वर्ष 2002 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत ऐसे ‘पालतू’ हाथियों की बिक्री पर प्रतिबंध है, जो राज्य वन विभाग में पंजीकृत नहीं हैं।

वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम स्वामित्व प्रमाण पत्र जारी करने के लिए देखभाल और रखरखाव के उपयुक्त उपायों को अनिवार्य बनाता है। राज्यों में बड़ी संख्या में ‘पालतू’ हाथी निजी स्वामित्व में हैं और उनमें से अधिकांश का इस्तेमाल वाणिज्यिक या औपचारिक उद्देश्यों एवं अनुष्ठानों के लिए किया जाता है।.

बिहार के सारन जिले में 11, गोपालगंज में आठ, पटना, पूर्वी चंपारण और वैशाली जिले में छह-छह, जबकि सिवान तथा भोजपुर में पांच-पांच ‘पालतू’ हाथी हैं। समस्तीपुर, गया, कैमूर, रोहतास, भागलपुर, बेगुसराय और लखीसराय में एक-एक ‘पालतू’ हाथी हैं।.

Location: India, Bihar, Patna

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

Cryptocurrency Scam in India: 350 करोड़ का Crypto Ponzi Scam, Latest News in Hindi

25 Jan 2025 7:22 PM

Amritpal Singh ਦੀ ਨਵੀਂ ਪਾਰਟੀ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ CM Bhagwant Mann ਦਾ ਬਿਆਨ ਪਾਰਟੀ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਸੱਭ ਨੂੰ ਹੱਕ ਹੈ

15 Jan 2025 5:34 PM

'Bapu Surat Singh Khalsa ਵਰਗਾ ਬੰਦਾ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਮਿਲਣਾ ਔਖਾ' | Punjab Latest News Today

15 Jan 2025 5:33 PM

'ਨਾ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਮਾਂ, ਨਾ ਪਿਓ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਗੁਰੂ ਸਾਂਭਿਆ...' Lakha Sidhana ਦੇ ਤਿੱਖੇ ਬੋਲ

15 Jan 2025 5:32 PM

ਭੱਜ ਕੇ Marriage ਕਰਵਾਉਣ ਵਾਲੇ ਜੋੜਿਆਂ ਨੂੰ HighCourt ਦਾ ਜਵਾਬ,ਪਹਿਲਾ Police ਕੋਲ ਜਾਓ ਸਿੱਧਾ ਨਹੀਂ ਆ ਸਕਦੇ !

09 Jan 2025 6:01 PM

ਵੱਡੀ ਖ਼ਬਰ: Oyo ਨੇ Unmarried Couples ਦੀ Hotel's 'ਚ Entry ਕੀਤੀ Ban, ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਨਿਯਮ ਆਪਣੀ ਛਵੀ ਸੁਧਾਰਨਾ

09 Jan 2025 5:59 PM