कुशवाहा को चाहिए कि संसदीय बोर्ड और एमएलसी पद जो उन्हें झुनझुना और लॉलीपॉप लगने लगा है उससे त्यागपत्र तो दे दे।
पटना : उपेंद्र कुशवाहा द्वारा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष को झुनझुना और एमएलसी को लॉलीपॉप बताने पर जदयू के प्रदेश सचिव मनोज लाल दास मनु ने कहा कि कुशवाहा लैट्रिन के समान हो चुके है , जिसपर पत्थर फेंकने से छींटा खुद पर परता है। इतने दिनो तक झुनझुना बजाने और लॉलीपॉप चाट रहे कुशवाहा को जब भाजपा नाम के कोरामीन मिला है तब याद आया है।
कुशवाहा को चाहिए कि संसदीय बोर्ड और एमएलसी पद जो उन्हें झुनझुना और लॉलीपॉप लगने लगा है उससे त्यागपत्र तो दे दे। बिना त्यागपत्र दिए जदयु और मुख्यमंत्री नीतिश कुमार पर आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नही है। अति पिछड़े का हक 2015 के विधान सभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में नोटो के बंडल पर बेचने वाले कुशवाहा जी के मुंह से शोभा नही देता है।
बिहार का अति पिछड़ा समाज 2020 में कुशवाहा को खारिज कर चुकी हैं। मुख्य्मंत्री नीतिश कुमार जी के प्रति पुरा अति पिछड़ा समाज आस्था रखती है। टिकट बेचने वाले उपेंद्र कुशवाहा जी को अति पिछड़ा समाज पहले ही खारिज कर चुकी है। कुशवाहा ता जिन्दगी अगर नीतिश कुमार के पैर धोकर पानी भी पिए तो नीतिश कुमार जी का कर्जा नही उतार सकते।