पिछड़ा-अतिपिछड़ा व दलितों को नेतृत्व करने लायक नहीं मानती भाजपा: राजीव रंजन

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पिछड़ा-अतिपिछड़ा व दलितों को नेतृत्व करने लायक नहीं मानती भाजपा: राजीव रंजन
Published : Jul 31, 2023, 6:00 pm IST
Updated : Jul 31, 2023, 6:00 pm IST
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Rajeev Ranjan (file photo)
Rajeev Ranjan (file photo)

जाहिर होता है कि आज भी इनमें जातिगत भेदभाव कूट-कूट कर भरा है.

पटना: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज बयान जारी कर भाजपा पर जमकर शब्दों के तीर छोड़े हैं. भाजपा के पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी रवैए का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्रीय टीम के चयन में जिस तरह से बिहार के पिछड़े-अतिपिछड़े व दलित समाज के नेताओं की उपेक्षा की गई है उससे यह साफ़ जाहिर होता है कि आज भी इनमें जातिगत भेदभाव कूट-कूट कर भरा है. यह लोग पिछड़े-अतिपिछड़े व दलित समाज के नेताओं को नेतृत्व करने लायक समझते ही नहीं है. अपनी सामंतवादी मानसिकता के कारण आज भी यह लोग इस समाज के लोगों को झंडा ढ़ोने वाले मजदूरों से अधिक नहीं समझते. भाजपा यह जान ले बिहार का पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज इस भेदभाव को बखूबी समझ रहा है और वक्त आने पर इसका जवाब जरुर देगा. 

उन्होंने कहा कि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व ही नहीं बल्कि राज्य नेतृत्व भी पिछड़े-अतिपिछड़े समाज का कट्टर विरोधी है. इस समाज की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए यह लोग खुल कर कुछ नहीं बोलते लेकिन अंदर ही अंदर इस समाज के नेताओं को आगे बढ़ने से रोकने की साजिशों में लगे रहते हैं. दिखावे के लिए यह लोग पिछड़े-अतिपिछड़े समाज के कुछ नेताओं को आगे बढ़ाने का दिखावा जरुर करते हैं लेकिन उन्हें भी काम करने की आजादी नहीं दी जाती.  

राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ का नारा भाजपा नेताओं के लिए एक जुमला भर है, जिसे यह पिछड़ा-अतिपिछड़ा और दलित समाज के लोगों को ठगने के लिए करते रहते हैं. हकीकत में इनके बड़े नेता इन समाजों से आने वाले नेताओं पर न तो विश्वास करते हैं और न ही उन्हें देखना चाहते हैं. अपने नेताओं की इसी उपेक्षा से पार्टी छोड़कर जा चुके इनके अतिपिछड़ा मोर्चा अध्यक्ष ने भी स्वीकार किया था कि भाजपा में अतिपिछड़े नेताओं को जूते की नोक पर रखने का रिवाज है. जब भाजपा के अतिपिछड़ा समाज के इतने दिग्गज नेता को ऐसा अपमान झेलना पड़ता हो  तो इस समाज के अन्य कार्यकर्ताओं की पीड़ा स्वत: समझी जा सकती है. हकीकत में भाजपा पर कब्जा जमाये इन नेताओं को डर है कि अगर पिछड़ा-अतिपिछड़ा और दलित समाज जागृत हो गया तो इनकी राजनीतिक दुकानें बंद हो जायेंगी.

उन्होंने कहा कि भाजपा यह जान ले बिहार का पिछड़ा-अतिपिछड़ा और दलित समाज अपने अपमान को भूलता नहीं है. आने वाले चुनाव में उन्हें इसका परिणाम भुगतना ही पड़ेगा.

Location: India, Bihar, Patna

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