पटवारियों का दावा किया है कि मामला दर्ज करने से पहले उपायुक्त और वित्तीय आयुक्त से मंजूरी नहीं ली गई.
चंडीगढ़: पंजाब के उन राजस्व क्षेत्रों में राजस्व अधिकारी शुक्रवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए जहां उन्हें ‘अतिरिक्त’ जिम्मेदारियां दी गई हैं। पटवारियों (राजस्व अधिकारियों) का प्रतिनिधित्व कर रहे एक यूनियन नेता ने कहा कि 3,193 राजस्व क्षेत्रों में उनलोगों को दी गयी अतिरिक्त जिम्मेदारियों से संबंधित कोई भी कार्य वे (पटवारी) नहीं कर रहे हैं, वे केवल अपनी ड्यूटी कर रहे हैं, जिनमें बाढ़ राहत भी शामिल है।
पंजाब के पटवारियों ने पहले पूर्ण कार्य बहिष्कार की धमकी दी थी, लेकिन बृहस्पतिवार को वे अपने रुख में नरमी लाते हुए नजर आये और उन्होंने कहा कि वे अपने राजस्व क्षेत्रों में काम तो करेंगे, लेकिन वे कोई अतिरिक्त जिम्मेदारियां नहीं संभालेंगे। राज्य के राजस्व अधिकारियों-- पटवारियों और कानूनगो के प्रतिनिधियों ने यह भी दावा किया था कि यह अपने रुख से पीछे हटना कतई नहीं है, बल्कि शुक्रवार से सैंकड़ों राजस्व क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित होगा।
उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि पूर्वी पंजाब अनिवार्य सेवा अधिनियम (ईपीईएसएमए) लगाने के पंजाब सरकार के फैसले के विरुद्ध वे लोग पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। राजस्व पटवार यूनियन के तत्वावधान में राजस्व अधिकारियों ने संगरूर में एक सप्ताह पहले एक पटवारी और कानूनगो के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के बाद हड़ताल का आह्वान किया था।
पटवारियों का दावा किया है कि मामला दर्ज करने से पहले उपायुक्त और वित्तीय आयुक्त से मंजूरी नहीं ली गई. इस बीच अधिकारियों ने कहा कि उपायुक्तों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि लोगों को इस हड़ताल का खामियाजा नहीं भुगतना पड़े।