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विभिन्न एजेंसियों की संयुक्त बैठक में प्रत्येक ड्रोन की एनआईए जांच की योजना तैयार की गई.
चंडीगढ़: पंजाब में पाकिस्तान से ड्रोन घुसपैठ के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रत्येक ड्रोन की जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान से ड्रोन घुसपैठ की जांच के दौरान विदेश में बैठे आतंकियों, गैंगस्टरों और तस्करों के गठजोड़ का खुलासा होने के बाद गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है.
इस संबंध में पुख्ता सबूत मिलने पर इन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश करने की तैयारी चल रही है। अब पाकिस्तान अपनी रणनीति बदलने की कोशिश कर रहा है और बड़े हथियारों की जगह चीन और यूरोप में बने छोटे हाईटेक हथियारों की सप्लाई कर बड़ी वारदातों को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है. जहां पहले बड़े ड्रोन का इस्तेमाल 10-25 किलो तक हेरोइन और हथियारों की तस्करी के लिए किया जाता था, वहीं अब छोटे ड्रोन का इस्तेमाल 3 किलो तक हेरोइन और हथियारों की तस्करी के लिए किया जाता है।
विभिन्न एजेंसियों की संयुक्त बैठक में प्रत्येक ड्रोन की एनआईए जांच की योजना तैयार की गई. बैठक में पंजाब पुलिस, बीएसएफ, पंजाब इंटेलिजेंस और एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। डीजीपी गौरव यादव का कहना है कि पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. हर ड्रोन की जांच की जाएगी. ड्रोन की फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है.
अमृतसर बॉर्डर एरिया से लेकर फिरोजपुर बॉर्डर तक पंजाब पुलिस को सेंट्रल फोर्स बीएसएफ के साथ ज्वाइंट पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. अब हर महीने बीएसएफ, पुलिस, एनआईए और खुफिया अधिकारियों की बैठक होगी. पाकिस्तान सीमा से लगे जिलों में बिना इजाजत ड्रोन का इस्तेमाल करने पर केस दर्ज किया जाएगा। पकड़े जाने पर आरोपों की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी से करायी जायेगी. अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का, फिरोजपुर, पठानकोट, अबोहर, बटाला, गुरदासपुर आदि सीमावर्ती जिलों को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है।
विभिन्न सीमावर्ती जिलों में ड्रोन घुसपैठ के आँकड़े
साल में ड्रोन से घुसपैठ
2020 48
2021 65
2022 267
2023 70