हाई कोर्ट ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग और इसकी आसान उपलब्धता की समस्या राज्य स्तर पर है
Punjab and High Court News In Hindi: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हिमाचल स्थित दवा कंपनी द्वारा बड़े पैमाने पर दवा निर्माण के मामले में सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया है।
जस्टिस विनोद एसटी भारद्वाज ने फैसले में कहा कि सीबीआई ने जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों की जरूरत जताई है। ऐसे में पंजाब पुलिस एक हफ्ते के अंदर सीबीआई को मैनपावर मुहैया कराए।
हाई कोर्ट ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग और इसकी आसान उपलब्धता की समस्या राज्य स्तर पर है, इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। हाई कोर्ट ने माना कि यह राज्य स्तरीय समस्या है। सीबीआई को प्रारंभिक जांच करनी चाहिए और 4 महीने के भीतर रिपोर्ट देनी चाहिए।
मोहाली थाने में FIR दर्ज, DSP पर रिश्वतखोरी का आरोप, तो बोले-द्वेष के कारण फंसाया जा रहा है, जांच होनी चाहिए
20 फरवरी 2024 को भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद होने पर मोहाली के स्पेशल टास्क फोर्स थाने में एफआईआर। पंजीकृत किया गया था दवा के दुरुपयोग और आसान उपलब्धता के चलते हिमाचल में दवा बनाने वाली एक दवा कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की गई है। इस संबंध में जांच से जुड़े डीएसपी वविंदर महाजन के पास गए और उन पर दवा निर्माता कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया। इसके चलते महाजन का तबादला 9वीं बटालियन में कर दिया गया। इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर महाजन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
याचिका में कहा गया कि वे मामले की जांच में शामिल थे, इसलिए उन्हें पता था कि दवा बनाने के बाद इसे हिमाचल प्रदेश से सहारनपुर, फिर महाराष्ट्र के पालघर, वहां से वापस उत्तर प्रदेश और फिर यूपी ले जाया गया। हरियाणा के पंचकुला में एक गोदाम में भंडारण किया गया। यहां से दवा आगे पंजाब भेजी जाती है। इस तरह इस मामले में एक पूरा रैकेट सक्रिय है। उन्होंने फार्मास्युटिकल कंपनी के खिलाफ जांच करते हुए पंजाब की सत्ताधारी पार्टी के नेता के खिलाफ बोला। इसी खुन्नस के चलते उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है।
(For more news apart from CBI should investigate in drug case, submit report in 4 months news in Hindi stay tuned ,to Spokesman Hindi)