Punjab-Haryana High Court: 'प्रेमी जोड़ों से संबंधित अपहरण मामलों को रद्द करने की याचिकाओं पर लचीलापन दिखाएं अदालतें'

खबरे |

खबरे |

Punjab-Haryana High Court: 'प्रेमी जोड़ों से संबंधित अपहरण मामलों को रद्द करने की याचिकाओं पर लचीलापन दिखाएं अदालतें'
Published : Jun 11, 2024, 5:28 pm IST
Updated : Jun 11, 2024, 5:28 pm IST
SHARE ARTICLE
 Punjab-Haryana High Court
Punjab-Haryana High Court

एक प्रेमी की एफआइआर को रद्द करने हुए हाई कोर्ट की टिप्पणी .

Punjab-Haryana High Court: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि अदालतों को प्रेमी जोड़ों से संबंधित अपहरण के मामलों को रद्द करने की याचिकाओं पर विचार करने में लचीलापन दिखाना चाहिए जस्टिस सुमित गोयल ने यह भी कहा कि कथित अपराध के समय पीड़िता के नाबालिग होने के तथ्य  के आधार पर  एफआइआर रद्द करने की याचिका को खारिज नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में भी, पीड़िता के वयस्क होने और अभी भी विवाहित होने के तथ्य सहित सभी तथ्यों का मूल्यांकन करना  हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है।

हाई कोर्ट ने जब यह सामने आता है कि आरोपित  और पीड़ित ने एक-दूसरे से विवाह कर लिया है और खुशी-खुशी रह रहे हैं, हाई कोर्ट  को इस तरह की एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर बहुत अधिक विचार  नहीं करना चाहिए खासकर जब  विवाह से बच्चा पैदा भी  हुआ हो।  हाई कोर्ट ने  विलियम शेक्सपियर के ए मिडसमर नाइट्स के एक उद्धरण को दोहराते हुए कहा कि  प्यार आंखों से नहीं, बल्कि दिमाग से देखता है और इसलिए पंखों वाला कामदेव अंधा है। जस्टिस सुमित गोयल ने कहा कि यदि  हाई कोर्ट  ऐसी कार्यवाही को रद्द करने के अपने अधिकार का प्रयोग करने से इनकार करता है तो यह न्याय के हित में नहीं होगा। हालांकि, कोर्ट ने  स्पष्ट किया कि कार्रवाई का तरीका प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की संपूर्णता पर निर्भर करेगा। हाई कोर्ट पंजाब के  एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिस पर 2009 में एक लड़की को शादी के लिए बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप लगाया गया था। आरोपी को सात साल बाद गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे जमानत दे दी गई।

उसने  हाई कोर्ट  से प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया, जिसमें कहा गया कि वह और कथित पीड़िता एक-दूसरे से प्यार करते हैं और 2010 से पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं। कोर्ट को बताया गया कि उनके  तीन बच्चे हैं। हाई कोर्ट ने  विचार किया कि क्या पीड़िता के पिता या अभिभावक के कहने पर दर्ज की गई प्राथमिकी को तब रद्द किया जाना चाहिए, जब यह पाया जाता है कि आरोपित  और पीड़िता ने एक-दूसरे से विवाह कर लिया है।

जज ने कहा अक्सर कोर्ट को ऐसी याचिकाओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें पिता/अभिभावक ने यह कहते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है कि उसकी बेटी को आरोपी ने बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। इसने आगे कहा कि आरोपी और कथित पीड़िता पहले एक-दूसरे के साथ रिश्ते में थे और भागकर शादी कर ली, क्योंकि उनका विवाह परिवार को स्वीकार्य नहीं था।

 कोर्ट  ने कहा  कि माता-पिता को इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि उनके बच्चे व्यक्तिगत विकल्प चुन सकते हैं। कोर्ट ने  ने कहा कि एक  प्रेमी जोड़े के लिए, जो लंबे समय से खुशहाल शादीशुदा जीवन जी रहे हैं और उनके बच्चे हैं एफआइआर जारी रखना  शर्मनाक, बेचैन करने वाला और यहां तक कि परेशान करने वाला हो सकता है।  इसी के साथ  हाई कोर्ट ने   एफआईआर को रद्द करने  का आदेश जारी किया।

(For More News Apart from Courts should show flexibility on petitions to quash kidnapping cases related to loving couples-Punjab-Haryana High Court, Stay Tuned To Rozana Spokesman)
 

SHARE ARTICLE
Advertisement

 

'Bapu Surat Singh Khalsa ਵਰਗਾ ਬੰਦਾ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਮਿਲਣਾ ਔਖਾ' | Punjab Latest News Today

15 Jan 2025 5:33 PM

'ਨਾ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਮਾਂ, ਨਾ ਪਿਓ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਗੁਰੂ ਸਾਂਭਿਆ...' Lakha Sidhana ਦੇ ਤਿੱਖੇ ਬੋਲ

15 Jan 2025 5:32 PM

ਭੱਜ ਕੇ Marriage ਕਰਵਾਉਣ ਵਾਲੇ ਜੋੜਿਆਂ ਨੂੰ HighCourt ਦਾ ਜਵਾਬ,ਪਹਿਲਾ Police ਕੋਲ ਜਾਓ ਸਿੱਧਾ ਨਹੀਂ ਆ ਸਕਦੇ !

09 Jan 2025 6:01 PM

ਵੱਡੀ ਖ਼ਬਰ: Oyo ਨੇ Unmarried Couples ਦੀ Hotel's 'ਚ Entry ਕੀਤੀ Ban, ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਨਿਯਮ ਆਪਣੀ ਛਵੀ ਸੁਧਾਰਨਾ

09 Jan 2025 5:59 PM

Raja Warring ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੌਣ ਬਣ ਰਿਹਾ Congress ਦਾ ਪ੍ਰਧਾਨ? Watch Rana Gurjit Interview Live

09 Jan 2025 5:58 PM

Shambhu Border Farmer Suicide News: 'ਸਵੇਰੇ 6 ਵਜੇ ਮੈਨੂੰ ਕਹਿੰਦਾ ਸੀ ਲੰਗਰ ਦੀ ਸੇਵਾ ਤੇ ਚਲਾਂਗੇ ਫਿਰ'

09 Jan 2025 5:57 PM