हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़ित या शिकायतकर्ता को 90 दिन के भीतर जांच की प्रगति के बारे में सूचित किया जाए।
Punjab-Haryana HC aggrieved party informed about investigation progress within 90 days News In Hindi पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के डीजीपी को बीएनएसएस की धारा 193(3) (पूर्व में सीआरपीसी की धारा 173(3)) का ईमानदारी से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जांच अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़ित या शिकायतकर्ता को 90 दिन के भीतर जांच की प्रगति के बारे में सूचित किया जाए।
हाईकोर्ट के समक्ष लुधियाना निवासी महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में एफआईआर की जांच को स्थानांतरित करने की मांग का मामला पहुंचा था। मृतक महिला कथित तौर पर अपने वैवाहिक घर में लटकी हुई पाई गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं की जा रही है। मृतक पति का स्थानीय पुलिस से संबंध है। मृतका के पति के प्रभाव के चलते न तो अपराध स्थल का निरीक्षण किया गया और न ही मृतका के ससुराल वालों को एफआईआर में शामिल किया गया।
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच आपराधिक अभियोजन के लिए आधारभूत है, जो न्याय के व्यापक लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है। बीएनएसएस की धारा 193(3) सीआरपीसी की धारा 173(2) के अनुसार एक विशिष्ट प्रावधान किया गया है, जो पुलिस को 90 दिनों की अवधि के भीतर पीड़ित या शिकायतकर्ता-सूचनाकर्ता को जांच की प्रगति के बारे में सूचित करने के लिए बाध्य करता है। शिकायत के पंजीकरण के बाद पीड़ित या शिकायतकर्ता को जांच से अलग नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि वे न्याय की खोज में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है।
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