इससे पहले जब शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव भरौजियां पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
चंडीगढ़: बुधवार 13 सितंबर को अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए न्यू चंडीगढ़ के कर्नल मनप्रीत सिंह को आज अंतिम विदाई दी गई. इसी दौरान 7 साल के बेटे कबीर ने सेना की वर्दी पहनकर अपने पिता को सलामी दी. वहीं पत्नी शहीद के ताबूत पर सिर रखकर रोती रहीं. कर्नल की अंतिम यात्रा चंडी मंदिर आर्मी कैंट से चंडीगढ़ होते हुए न्यू चंडीगढ़ पहुंची।
इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित शहीद कर्नल मनप्रीत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. इससे पहले जब शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव भरौजियां पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. शहीद कर्नल को अंतिम विदाई देने के लिए उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग खड़े थे. शव घर पहुंचा तो लोगों ने फूल बरसाए।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए थे, जिनमें मोहाली जिले के भरौजियां गांव के कर्नल मनप्रीत सिंह बैंस (42) भी शामिल थे. मुठभेड़ के दौरान पहली गोली कर्नल मनप्रीत सिंह को लगी, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई.
मनप्रीत सिंह वर्ष 2003 में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर भर्ती हुए थे और कुछ समय पहले ही उन्हें पदोन्नत कर कर्नल बनाया गया था। उनके पिता लखवीर सिंह, दादा शीतल सिंह और चाचा रणजीत सिंह भी सेना में रहे हैं। यह परिवार तीन पीढ़ियों से सेना में सेवा दे रहा है।