स्कूलों के ऑडिट में आरक्षित श्रेणियों में बच्चों के दाखिले के लिए फंडिंग को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
Chandigarh news In Hindi: जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शहर के करीब 50 सरकारी स्कूलों को वेतन रोकने के संबंध में भेजे गए नोटिस से प्रिंसिपल और स्टाफ हैरान हैं। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों को 45 लाख से अधिक की वसूली के लिए नोटिस भेजा है। यह सिर्फ नोटिस नहीं है, बल्कि रिकवरी नोटिस के साथ यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इन स्कूलों के प्रिंसिपल और स्टाफ को सितंबर महीने का वेतन शिक्षा विभाग के आदेश तक जारी न किया जाए। नोटिस मिलते ही स्कूलों में हड़कंप मच गया। नोटिस को लेकर सभी अपने-अपने तर्क दे रहे हैं और अब विभाग द्वारा मांगे गए जवाब की तैयारी कर रहे हैं। स्कूलों के ऑडिट में आरक्षित श्रेणियों में बच्चों के दाखिले के लिए फंडिंग को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, शहर के सरकारी स्कूलों में आरक्षित वर्ग में प्रवेश के समय छात्रों द्वारा एससी वर्ग का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था। जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा एडमिशन के लिए कई ऐसे बच्चे पाए गए हैं जो एससी कैटेगरी में नहीं आते हैं। ऐसे में अब ऑडिटर ने स्कूलों के ऑडिट पर सवाल उठाया है।
वहीं इस मामले में स्कूलों का कहना है कि निर्देशों के तहत ही बच्चों को प्रवेश दिया गया है। इससे पहले इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से कोई स्पष्ट सूचना जारी नहीं की गयी थी। जिला शिक्षा पदाधिकारी के नोटिस ने कई स्कूलों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। ऑडिटर ने सेक्टर-7 स्थित सरकारी स्कूलों पर 27 लाख रुपये से ज्यादा की आपत्ति लगाई है। ऑडिट निरीक्षण में यह भी पता चला कि कई बच्चों ने अपने पिता के नाम का एससी प्रमाण पत्र लगाया था, लेकिन यह बच्चे का होना चाहिए था। ऑडिट में बच्चे को पिता के एससी प्रमाणपत्र का लाभ नहीं दिया गया है। ऑडिट रिपोर्ट 2018 से 2023 तक की अवधि को कवर करती है।
जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से स्कूलों को जारी नोटिस में सेक्टर-22 के सरकारी स्कूल पर 8 लाख 48 हजार से ज्यादा की रिकवरी का नोटिस जारी किया गया है। सेक्टर-48 के सरकारी स्कूल को भी 90 रुपये का नोटिस जारी किया गया है। इस मामले के बाद आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों के शिक्षक एकजुट होकर प्रशासन के फैसले का विरोध कर सकते हैं। मामला यूटी प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया तक पहुंचेगा।
वेतन रोकने के फैसले का विरोध
ऑडिट आपत्ति के बाद स्कूलों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। शिक्षा विभाग से अनुमति मिलने तक प्रिंसिपल और स्टाफ का वेतन जारी नहीं किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक जिन स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है वे स्कूल शिक्षा निदेशक के सामने पेश होंगे। इसलिए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा एक विशेष शेड्यूल बनाया गया है, जिसमें प्राचार्य व संबंधित स्टाफ को डीएसई के समक्ष अपना पक्ष रखने का मौका दिया जायेगा। यह शेड्यूल 10 से 24 अक्टूबर तक के लिए तैयार किया गया है।
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