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सोशल मीडिया पर वायरल एक ‘क्लिप’ में बिश्नोई और मानेसर को वीडियो कॉल पर बात करते देखा जा सकता है।
चंडीगढ़: पंजाब के कारागार विभाग ने सोमवार को कहा कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोरक्षक मोनू मानेसर के बीच का कथित वीडियो कॉल पंजाब की किसी जेल से नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल एक ‘क्लिप’ में बिश्नोई और मानेसर को वीडियो कॉल पर बात करते देखा जा सकता है। वीडियो में बिश्नोई को जेल में अन्य अपराधियों के साथ बैठे देखा जा सकता है।
बिश्नोई के खिलाफ कई मामले हैं जिनमें पंजाब के गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या भी शामिल है। वहीं, राजस्थान पुलिस ने मानेसर के खिलाफ फरवरी में दो मुसलमान युवकों की हत्या करने और गृहराज्य हरियाणा में हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया है। मानेसर को हरियाणा पुलिस ने 12 सितंबर को गिरफ्तार किया।
कारागार विभाग ने एक बयान में, सोमवार को मीडिया में आई उन खबरों को बकवास करार दिया, जिनमें कहा गया है कि बिश्नोई भटिंडा जेल में रहने के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था। कथित वीडियो के सामने आने के बाद मामले की जांच पंजाब के महानिरीक्षक (कारागार) को सौंपी गई थी। बयान के अनुसार, जांच में पता चला है कि बिश्नोई के साथ वीडियो में बैठा हुआ दिख रहा व्यक्ति एक अपराधी राजकुमार उर्फ राजू बिशोधी है।
बयान के अनुसार, राजकुमार 25 जनवरी, 2021 से लेकर 22 फरवरी, 2021 तक 28 दिनों के लिए श्री मुक्तसर साहिब के जिला जेल में बंद था।
बयान में कहा गया है कि बिश्नोई 2018 तक फरीदकोट केन्द्रीय कारागार में था जिसके बाद उसे अन्य राज्य की पुलिस को सौंप दिया गया। बयान के अनुसार, अन्य राज्यों की जेलों में रहने के बाद बिश्नोई को 24 सितंबर, 2022 को भटिंडा जेल लाया गया। बाद में 24 अगस्त, 2023 को उसे गुजरात पुलिस को सौंप दिया गया। आईपी (कारागार) ने बताया कि वीडियो पंजाब की किसी जेल की नहीं है क्योंकि बिश्नोई और राजू कभी भी राज्य के किसी जेल में एक साथ नहीं बंद रहे हैं।