आशंका जताई जा रही है कि त्योहार से पहले जमाखोरी शुरू होने से दाम में तेजी आ रही है।
Onion Price Hike Price: चंडीगढ़: त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले ही प्याज की कीमत रुलाने लगी है। पितृपक्ष होने के बावजूद मंडी में प्याज की मांग में तेजी है। लगातार कम हो रही आपूर्ति से प्याज के दाम प्रति किलो 60 से 70 रुपये तक पहुंच गए हैं। मंडी के आढ़तियों का कहना है कि नासिक से हो रही आपूर्ति प्रभावित होने से दाम में तेजी आ रही है। मौजूदा समय में सिर्फ इंदौर से प्याज आ रहा है। सामान्य दिनों में 18 से 20 ट्रक तक आपूर्ति होती है लेकिन इस समय 8 से 10 ट्रक ही हो रही है। वहीं, आशंका जताई जा रही है कि त्योहार से पहले जमाखोरी शुरू होने से दाम में तेजी आ रही है। सेक्टर-18 निवासी आशा और सेक्टर-22 के सुरेश कहना है कि सेक्टरों में प्याज 70 रुपये किलो बिक रहा है। सस्ता प्याज लेने के लिए मंडी में गए तो वहां भी बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ 60 रुपये किलो प्याज लेना पड़ा।
इसलिए बढ़ रहा दाम
सेक्टर-26 मंडी के चेयरमैन व प्याज के आढ़ती बलबीर सिंह ने बताया कि इस बार प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण जुलाई में प्याज उत्पादन वाले राज्यों में हुई भारी बारिश और फसल खराब हो जाने से बताया जा रहा है। कर्नाटक, आंध्र, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से इस समय खरीफ के प्याज की उपज बाजार में आती है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बारिश के चलते काफी फसल खराब हो गई।
कीमत पर काबू पाने का प्रयास
प्याज के दामों में बढ़ोतरी को देखते हुए और ऐसी स्थिति में इसके निर्यात को रोकने क के लिए सरकार ने 19 अगस्त से इस पर 40 फीसदी की ड्यूटी लगा दी है। जिससे दाम पर नियंत्रण किया जा सके। प्याज के आढ़ती रमेश का कहना है कि उम्मीद है कि प्याज की नई फसल अब नवंबर में बाजार में आएगी। ये फसल महाराष्ट्र की होगी। इस सी फसल के आने से बाजार में प्याज की कीमतों में कमी आ सकती है।
महंगाई के और भी कारण : सब्जी विक्रेता रवि कुमार का कहना है कि बारिश, सूखा व बाढ़ से तो इसके दाम में उछाल आता ही है लेकिन बड़ा असर प्याज की गैरकानूनी तरीके से स्टॉक से होती है। हर साल त्योहारी सीजन से पहले जमाखोर प्याज की जमाखोरी करने लगते हैं। इस वजह से प्याज की कीमतें बढ़ जाती हैं। प्याज के निर्यात में व्यापारियों को खासा फायदा होता है, लिहाजा वो इसका निर्यात करने को भी प्राथमिकता देते हैं।