सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ आज लोगों को आकर्षित कर रहा है.
Chandigarh old pics : सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ आज लोगों को आकर्षित कर रहा है. हर कोई यहां पर ही बस जाना चाहता है. चंडीगढ़ धीरे-धीरे ऊंचाइयों को छू रहा है. चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी है और सुव्यवस्थित शहर भी है. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि चंडीगढ़ जो आज इताना आकर्षक लगता है वो 90 के दशक में कैसा दिखता होगा। इसे आखिर डिजाइन किसने किया। तो चलिए आज आपको हम चंडीगढ़ के इतिहास से रूह बरूह कराते हैं.
बता दें कि 1947 में जब पंजाब को भारत और पाकिस्तान में दो भागों में बांट गया तब इसकी राजधानी लाहौर थी जो पाकिस्तान वाले भाग में चली गई और फिर पंजाब को एक राजधानी की जरूरत थी. फिर 1952 में चंडीगढ़ की नीवं रखी गई. 1 नवंबर 1966 में इसे यूटी का दर्जा भी दिया गया. बता दें कि चंडीगढ़ को डिजाइन करने के लिए प्रसिद्ध फ्रांसीसी वास्तुकार ली कोर्बुज़िए को बुलाया गया था।
चंडीगढ़ का प्रतीक चिन्ह 'खुला हाथ' है जो कि शांति और सुलह का संदेश देता है।
आपको बता दें कि चण्डीगढ़ भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सपनो का शहर है। चंडीगढ़ को प्राथमिकता दी गई तो इसमें जवाहर लाल नेहरु की निजी रुचि का सबसे बड़ा योगदान है.
चंडीगढ़ के गोल चक्कर या पार्क में आपको कोई मूर्ति नहीं दिखाई पड़ेगी और यह इसके निर्माता ली कोर्बुज़िए की शर्त के अनुसार है।
चंडीगढ़ को नाम चंडी मंदिर से प्राप्त हुआ जो की आज भी यह मंदिर शहर का मुख्य पर्यटन स्थल है।
चंडीगढ़ के निर्माता ली कोर्बुज़िए ने मानव शरीर के रूप में चंडीगढ़ की अवधारणा की थी। जैसे हेड' की तर्ज पर सेक्टर 1, दिल की तर्ज पर सेंटर सेक्टर -17 , फेफड़ों के लिए खुले स्थान और हरियाली, संचार प्रणाली की तर्ज पर 7V और 'मस्तिष्क के लिए शैक्षिक संस्थानों के लिए जगह दी थी।
चंडीगढ़ की मनमोहक और बोटिंग का मजा देने वाली सुखना झील का निर्माण 1958 में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है।