आरोप लगाया गया कि पत्नी अवैध संबंध में थी और उसने कथित प्रेमी की मिलीभगत से अपने चार वर्षीय बेटे की हत्या कर दी।
Punjab-Haryana High Court News: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट द्वारा पत्नी द्वारा की गई क्रूरता के आधार पर पति को दिए गए तलाक को बरकरार रखा है। पत्नी को अपने कथित प्रेमी के साथ मिलकर नाबालिग बेटे की हत्या करने का दोषी ठहराया गया था।
जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बंगर ने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध में संलिप्तता, अंतिम दोषसिद्धि तथा सजा यह जानने के लिए पर्याप्त है कि पत्नी का रवैया पति के प्रति क्रूरता से भरा हुआ था। हाई कोर्ट हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत क्रूरता के आधार पर फैमिली कोर्ट द्वारा दिए गाए तलाक को चुनौती देने वाली पत्नी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था।
आरोप लगाया गया कि पत्नी अवैध संबंध में थी और उसने कथित प्रेमी की मिलीभगत से अपने चार वर्षीय बेटे की हत्या कर दी। फैमिली कोर्ट ने पति को क्रूरता के आधार पर तलाक दे दिया जबकि यह भी कहा कि उसे हत्या के लिए दोषी ठहराया जा चुका है। पत्नी ने दलील दी कि केवल इसलिए कि उसे उक्त एफआईआर में दोषी ठहराया गया, यह मानने का कोई आधार नहीं है कि उसने ही अपने बेटे की हत्या की। खासकर तब जब दोषसिद्धि और सजा के आदेश के खिलाफ अपील लंबित है।
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सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि इस बात से इन्कार नहीं किया गया कि पत्नी को दोषी ठहराया गया। हई कोर्ट ने आगे कहा कि फैमली कोर्ट ने इस तथ्य पर भी विचार किया कि अपीलकर्ता-पत्नी द्वारा दोषसिद्धि के निर्णय और सजा के आदेश के विरुद्ध दायर अपील लंबित है लेकिन पक्षकार के नाबालिग बेटे की हत्या के लिए उसकी दोषसिद्धि के तथ्य ने पति और उनकी नाबालिग बेटी को हुई मानसिक क्रूरता को स्पष्ट रूप से साबित कर दिया। इसलिए उनसे एक साथ रहने की उम्मीद नहीं जा सकती।
(For more news apart from 'Killing of own son by wife along with her lover is cruel, husband deserves divorce', Punjab-Haryana High Court, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)