यूटी कैटेगरी में दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के बाद चंडीगढ़ तीसरा केंद्र शासित प्रदेश है, जहां सबसे ज्यादा महिलाएं लापता हैं। 2
चंडीगढ़: मानव तस्करी रोकने से लेकर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा तक सरकारें तरह-तरह के दावे करती हैं कि गर्ल चाइल्ड या महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हो जाएंगे, लेकिन आज भी हालात ऐसे हैं कि हर दिन कई लड़कियां और महिलाएं लापता हो रही हैं. इनमें से कुछ मिल जाती हैं तो कुछ हमेशा के लिए खो जाती हैं। बुधवार को गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने देशभर से लापता लड़कियों और महिलाओं को लेकर राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश की.
इसमें 18 साल से कम और 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की कैटेगरी के हिसाब से रिपोर्ट तैयार की गई है. इस रिपोर्ट के साल 2019 से 2021 के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन तीन सालों में चंडीगढ़ में 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के लापता होने के 921 मामले सामने आए हैं। इन तीन सालों में 18 साल से ज्यादा उम्र की 3669 महिलाएं लापता हो गई हैं. यानी इन तीन सालों का औसत देखें तो हर दिन 4 महिलाएं लापता हो रही हैं.
यूटी कैटेगरी में दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के बाद चंडीगढ़ तीसरा केंद्र शासित प्रदेश है, जहां सबसे ज्यादा महिलाएं लापता हैं। 2019 से 2021 तक तीन सालों में दिल्ली में 18 साल से कम उम्र की 22,919 लड़कियां और 18 साल से ज्यादा उम्र की 61,050 महिलाएं लापता हुईं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में इन तीन सालों में 18 साल से कम उम्र की 1148 लड़कियां और 18 साल से ज्यादा उम्र की 8617 महिलाएं लापता हो गई हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के लापता होने के मामले पंजाब से ज्यादा हरियाणा में हैं. पंजाब-हरियाणा की तुलना में हिमाचल प्रदेश में गुमशुदगी के मामले बहुत कम हैं.
स्थान वयस्क मामले किशोर मामले
चंडीगढ़ 3669 921
दिल्ली 61,050 22,919
जम्मू कश्मीर 8617 1148