याचिका दाखिल करते साहिब सिंह ने एनडीपीएस के मामले में सुनाई गई सजा के आदेश को चुनौती दी थी.
Punjab and Haryana High Court CBI Pharma companies News In Hindi: नशे की खेप की दवा के रूप में बरामदगी के बढ़ते मामलों पर कड़ा रूख अपनाते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सीबीआई को फार्मा कंपनियों की भूमिका जांचने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने हरियाणा व पंजाब के डीजीपी को आदेश दिया है कि वे सीबीआई को पूरी सहायता उपलब्ध करवाएं।
याचिका दाखिल करते साहिब सिंह ने एनडीपीएस के मामले में सुनाई गई सजा के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए दायरा बढ़ा दिया। हाईकोर्ट ने एनसीबी से पूछा था कि जब नशा दवाओं के रूप में बिक रहा है तो इसका निर्माण करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। एनसीबी ने कहा कि फार्मा कंपनियों के लिए रेगुलेशन मौजूद हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि हमारे सामने लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं जिनमें दवा, इंजेक्शन आदि के रूप में नशे की खेप पकड़ी जा रही है।
वह साबित करता है कि नशे के रूप में इसे बेचा जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि इन दवाओं का निर्माण हरियाण, पंजाब व पड़ोसी राज्यों में हो रहा है। ऐसे में जांच को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए। सीबीआई ने कहा कि यदि कोर्ट आदेश देता है तो वे जांच के लिए तैयार हैं। हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए उन्हें एक टीम बनाने और काबिल अधिकारियों हरियाणा, पंजाब या चंडीगढ़ से शामिल करने की छूट दी है। साथ ही टीम को छूट होगी कि वे छापा मार सकें या गिरफ्तारी कर सकें। कोर्ट ने एनसीबी को आदेश दिया है कि वह टीम की मदद करें। साथ ही हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के डीजीपी को टीम को आवश्यक संसाधन व मैन पावर उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है। टीम में मौजूद सभी सदस्यों पर सीबीआई का कंट्रोल होगा। हाईकोर्ट ने सीबीआई को दो माह के भीतर फार्मा कंपनियों की भूमिका को लेकर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
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