सीएक्यूएम ने कहा कि 2021 की इसी अवधि में पराली जलाने के 11,461 मामले आए थे।
Stubble burning incidents in Punjab, Haryana News In Hindi: खेतों में पराली जलाने के मामलों में इस साल पंजाब और हरियाणा में कमी देखने को मिल रही है. केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यह खुलासा किया है. सीएक्यूएम के अनुसार पंजाब और हरियाणा में 15 सितंबर के बाद से पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में क्रमश: लगभग 56 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की कमी आई है।
सीएक्यूएम के मुताबिक, 15 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच की अवधि में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) इलाकों में 2022 में पराली जलाने की 13,964 घटनाएं हुई थीं जो 2023 में घटकर 6,391 हो गईं। सीएक्यूएम ने कहा कि 2021 की इसी अवधि में पराली जलाने के 11,461 मामले आए थे। पंजाब में, इस वर्ष 45 दिन की अवधि के दौरान पराली जलाने की 5,254 घटनाएं हुईं, जबकि 2022 में 12,112 और 2021 में 9,001 घटनाएं हुईं। यह क्रमशः 56.6 प्रतिशत और 41.6 प्रतिशत की कमी दर्शाता है।
हरियाणा में इस वर्ष 45 दिन की अवधि के दौरान पराली जलाने के 1,094 मामले आए और यह 2022 में 1,813 तथा 2021 में 2,413 की तुलना में काफी कम है। यह क्रमशः 39.7 प्रतिशत और 54.7 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है। केंद्र सरकार ने पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की राज्य सरकारों को फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत लगभग 3,333 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। इस कोष से किसानों, उपभोक्ता केंद्रों और सहकारी समितियों को खेतों में पराली के प्रबंधन और मशीनों तथा उपकरणों की खरीद में सहयोग राशि दी जाती है।
उपलब्ध फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीन की कुल संख्या पंजाब में 1,17,672, हरियाणा में 80,071 और उत्तर प्रदेश-एनसीआर में 7,986 हैं। फसल की चालू कटाई के मौसम के दौरान सीआरएम मशीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए पंजाब में 23,000 मशीन, हरियाणा में 7,572 और उत्तर प्रदेश में 595 मशीन हासिल करने के लिए अतिरिक्त खरीद प्रक्रिया जारी है। पराली जलाने की घटनाओं में कमी के बावजूद हाल के दिनों में पंजाब में अचानक इस तरह की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। आगामी हफ्तों में फसल की कटाई की गतिविधियां चरम पर पहुंचने का अनुमान है। सीएक्यूएम ने कहा कि 29 अक्टूबर को ही पंजाब में पराली जलाने के 1,068 मामले सामने आए।