सूत्रों ने बताया कि ‘एकीकृत चुनाव व्यय निगरानी प्रणाली’ निर्वाचन आयोग की ‘3सी रणनीति’ का हिस्सा है
New Delhi: निर्वाचन आयोग ने पंजीकृत राजनीतिक दलों के लिए अंशदान रिपोर्ट और चुनाव खर्च खातों सहित अपने वित्तीय विवरण दाखिल करने के वास्ते सोमवार को एक ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा शुरू की है।
आयोग के इस कदम को राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदों और खर्च संबंधी मामलों में अधिक पारदर्शिता लाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि ‘एकीकृत चुनाव व्यय निगरानी प्रणाली’ निर्वाचन आयोग की ‘3सी रणनीति’ का हिस्सा है जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में राजनीतिक चंदे और खर्च में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए साफ-सफाई, कार्रवाई और अनुपालन शामिल है।
जो राजनीतिक दल ऑनलाइन माध्यम से वित्तीय रिपोर्ट दाखिल नहीं करना चाहते हैं, उन्हें लिखित में ऐसा नहीं करने के कारणों से अवगत कराना होगा और निर्धारित प्रारूपों में सीडी या पेन ड्राइव के साथ हार्ड कॉपी प्रारूप में रिपोर्ट दर्ज करना जारी रख सकते हैं।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘आयोग इस तरह की सभी रिपोर्ट को ऑनलाइन प्रकाशित करेगा। साथ ही वित्तीय विवरण ऑनलाइन दाखिल नहीं करने के लिए पार्टी द्वारा भेजे गए स्पष्टीकरण पत्र को भी सार्वजनिक करेगा।’’
राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि यह कदम दो उद्देश्यों के साथ उठाया गया है। इसमें भौतिक रूप से रिपोर्ट दाखिल करने में कठिनाइयों को दूर करना और मानकीकृत प्रारूप में समय पर फाइलिंग सुनिश्चित करना शामिल है।
यह पोर्टल राजनीतिक दलों द्वारा अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक लेखा रिपोर्ट और चुनाव व्यय विवरण की ऑनलाइन फाइलिंग की सुविधा प्रदान करेगा।
चुनाव आयोग ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 और पिछले कई वर्षों में आयोग द्वारा समय-समय पर जारी पारदर्शिता दिशानिर्देशों के अनुसार राजनीतिक दलों को ये वित्तीय विवरण चुनाव आयोग/राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को सौंपने होते हैं।
बयान में कहा गया कि डेटा की ऑनलाइन उपलब्धता से अनुपालन और पारदर्शिता के स्तर में वृद्धि होने की उम्मीद है।
आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों को ऑनलाइन रिपोर्ट दाखिल करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए ‘ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन’ और प्रश्नोत्तरी के साथ एक ‘व्यापक गाइडिंग मैनुअल’ भी भेजा गया है। ऑनलाइन फाइलिंग पर और मार्गदर्शन देने के लिए, आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के नामित व्यक्तियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।
सूत्रों ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां कई राजनीतिक दलों ने या तो एक या एक से अधिक आवश्यक वित्तीय विवरण दाखिल नहीं किए हैं या देरी से, अपर्याप्त या अपूर्ण विवरण दाखिल किए हैं। उनके विवरण भी गैर-मानकीकृत तरीके से थे।
राजनीतिक दलों को रिपोर्ट को भौतिक रूप से दाखिल करने में कठिनाइयों को दूर करने और निर्धारित प्रारूपों में वित्तीय विवरणों को समय पर दाखिल करने को सुनिश्चित करने के दोहरे उद्देश्यों के साथ, आयोग ने वित्तीय विवरणों को ऑनलाइन जमा करने के लिए तकनीक आधारित प्रणाली विकसित की है। इसका उपयोग पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधि ही कर सकेंगे।
पोर्टल के माध्यम से आयोग वैधानिक प्रावधानों के दुरुपयोग और पार्टियों द्वारा कर धोखाधड़ी और चोरी पर निगरानी की सुविधा प्रदान करने की योजना बना रहा है। आयोग का मानना है कि नवीनतम पहल के माध्यम से, यह पार्टियों द्वारा समय पर वित्तीय जानकारियां सुनिश्चित करेगा, मतदाताओं को पार्टियों के वित्तीय मामलों के बारे में सूचित और जागरूक करेगा।