पीठ ने कहा, ‘‘ आप एनजीटी के पास क्यों नहीं जाते? इसके लिए एक विशेष अधिकरण है। हम इस पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।’’.
New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने गंगा और यमुना नदियों को साफ करने और उनके कायाकल्प के लिए कार्य योजना की निगरानी करने का निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि इसके लिए एक विशेष अधिकरण है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने याचिकाकर्ता से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का रुख करने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘ आप एनजीटी के पास क्यों नहीं जाते? इसके लिए एक विशेष अधिकरण है। हम इस पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।’’
शीर्ष अदालत नदियों को साफ करने और उनके कायाकल्प के लिए कार्य योजना की निगरानी का निर्देश देने की मांग करने वाली स्वामी गुरचरण मिश्रा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।