Corruption Cases : लोक सेवकों को परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर भी दोषी ठहराया जाएगा : न्यायालय

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Corruption Cases : लोक सेवकों को परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर भी दोषी ठहराया जाएगा : न्यायालय
Published : Dec 15, 2022, 1:45 pm IST
Updated : Dec 15, 2022, 1:45 pm IST
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Corruption Cases: Public servants will also be convicted on the basis of circumstantial evidence: Court
Corruption Cases: Public servants will also be convicted on the basis of circumstantial evidence: Court

पीठ ने कहा, भ्रष्ट लोक सेवकों को दोषी ठहराकर उन्हें सजा दी जा सके और शासन-प्रशासन को साफ-सुथरा एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके।

 New Delhi : उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में अवैध लाभ हासिल करने के आरोप में कोई प्रत्यक्ष मौखिक या दस्तावेजी सबूत न होने की सूरत में किसी लोकसेवक को परिस्थिजन्य साक्ष्य के आधार पर भी दोषी ठहराया जा सकता है।

न्यायमूर्ति एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ अभियोजन पक्ष को भी ईमानदार कोशिश करनी चाहिए, ताकि भ्रष्ट लोक सेवकों को दोषी ठहराकर उन्हें सजा दी जा सके और शासन-प्रशासन को साफ-सुथरा एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके।

पीठ ने कहा, “शिकायतकर्ता के सबूत (प्रत्यक्ष या प्राथमिक) के अभाव में, अपराध के संबंध में आनुमानिक निष्कर्ष निकाले जाने की अनुमति है।” इस पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवाई, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना, न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर मृत्यु या किसी अन्य कारण से शिकायतकर्ता का प्रत्यक्ष सबूत नहीं उपलब्ध है, तो भी लोक सेवक को प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।

पीठ ने कहा, “यदि शिकायतकर्ता बयान से मुकर जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है या फिर सुनवाई के दौरान वह साक्ष्य पेश करने में असमर्थ रहता है, तो किसी अन्य गवाह के मौखिक या दस्तावेजी सबूत को स्वीकार कर अवैध लाभ की मांग संबंधी अपराध को साबित किया जा सकता है या अभियोजन पक्ष परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर मामला सिद्ध कर सकता है।”

पीठ ने कहा, “मुकदमा कमजोर नहीं पड़ना चाहिए और न ही लोक सेवक के बरी होने के परिणाम के रूप में समाप्त होना चाहिए।”

शीर्ष अदालत ने इस सवाल पर विचार करते समय यह आदेश दिया कि क्या अवैध लाभ की मांग के संबंध में प्रत्यक्ष या प्राथमिक साक्ष्य के अभाव की सूरत में किसी लोक सेवक के अपराध का आनुमानिक आकलन अन्य सबूतों के आधार पर किया जा सकता है।

Location: India, Delhi, New Delhi

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