सीजेआई ने कहा, "हम जुलाई में गर्मी की छुट्टी के बाद इसे सूचीबद्ध करेंगे।"
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के उन न्यायिक अधिकारियों की याचिका पर जुलाई में सुनवाई के लिए मंगलवार को सहमति जताई, जिनकी पदोन्नति पर उसने रोक लगा दी थी।
पदोन्नति पर लगा दी गई थी रोक
Supreme Court न्यायमूर्ति एमआर शाह की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने 12 मई को सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा सहित गुजरात के 68 निचले न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति पर रोक लगा दी थी जिन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी ठहराया था।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड ,न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने न्यायिक अधिकारियों की ओर से पेश वकील मीनाक्षी अरोड़ा के अभ्यावेदन पर गौर किया। वकील ने अपनी दलील में कहा कि उच्चतम न्यायालय के 12 मई के आदेश के अनुरूप गुजरात उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को उनके मूल निम्न कैडर पर वापस भेज दिया है।
वरिष्ठ वकील ने कहा कि पदावनति के चलते अनेक न्यायिक अधिकारी अपमानित महसूस कर रहे हैं और देश के छह राज्य पदोन्नति के लिए वरिष्ठता-सह- योग्यता के सिद्धांत को मानते हैं। सीजेआई ने कहा, "हम जुलाई में गर्मी की छुट्टी के बाद इसे सूचीबद्ध करेंगे।"