दिल्ली को जुलाई के मध्य में अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा था।
New Delhi: यमुना नदी के जलग्रहण क्षेत्र में गत दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से मंगलवार को दिल्ली में नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया। केंद्रीय जल आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, पुराने रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जल स्तर मंगलवार अपराह्न तीन बजे चेतावनी के निशान 204.50 मीटर को पार कर गया और रात 10 बजे तेजी से बढ़कर यह 205.39 मीटर तक पहुंच गया। उन्होंने बताया कि सुबह पांच बजे तक जलस्तर 205.50 मीटर तक पहुंचने और दिन में इसके और बढ़ने का अनुमान है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ हालांकि, दिल्ली में नदी का जलस्तर निकासी अभियान शुरू करने के स्तर 206.00 मीटर तक नहीं बढ़ेगा, बशर्ते पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बारिश न हो।’’ हरियाणा के यमुनानगर जिला स्थित हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह देर रात नौ बजे लगभग 27,000 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया जो मानसून के मौसम के दौरान मध्यम माना जाता है।
दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नदी के किनारे कुछ स्थानों पर निचले स्तर की बाढ़ आ सकती है लेकिन गंभीर स्थिति की आशंका नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में रविवार से भारी बारिश का दौर चल रहा है। इसके कारण कम से कम 56 लोगों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली को जुलाई के मध्य में अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा था। इतना ही नहीं, यमुना का जल 13 जुलाई को 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। दिल्ली में बाढ़ के कारण 27,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है। नदी 10 जुलाई से लगातार आठ दिन तक खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बहती रही। दिल्ली में यमुना के पास के निचले इलाके में लगभग 41,000 लोग रहते हैं। इन इलाकों को संवेदनशील माना जाता है.