पिता के साथ मिलकर पति और ससुर को झूठे गैंगरेप केस में फंसा रही थी महिला, कोर्ट ने पलट दी बाजी, जानें मामला

खबरे |

खबरे |

पिता के साथ मिलकर पति और ससुर को झूठे गैंगरेप केस में फंसा रही थी महिला, कोर्ट ने पलट दी बाजी, जानें मामला
Published : May 18, 2023, 11:25 am IST
Updated : May 18, 2023, 11:25 am IST
SHARE ARTICLE
Photo
Photo

अदालत ने पति, ससुर और ननद को सभी आरोपों से बरी कर दिया है.

  • महिला ने अपने पति और ससुर के खिलाफ गैंगरेप का फर्जी केस दर्ज कराया था
  • अब अदालत ने महिला और उसके पिता के खिलाफ FIR का दिया आदेश
  • अदालत ने पति, ससुर और ननद को सभी आरोपों से किया बरी

New Delhi: दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला के ससुराल वालों और पति को सामूहिक दुष्कर्म एवं क्रूरता के आरोपों से बरी कर दिया तथा दिल्ली पुलिस को झूठे आरोप लगाने को लेकर शिकायतकर्ता पिता-पुत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आंचल तीन आरोपियों, महिला के पति, ससुर और ननद के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रही थीं। इनके खिलाफ 2014 में जनकपुरी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) के विभिन्न धाराओं के तहत कई अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

न्यायाधीश ने IPC सी की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार), 498 ए (पति या पति के रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत लगाए गए आरोपों में महिला के पति सहित ससुर और महिला के ननद को बरी कर दिया।

न्यायाधीश ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष तीन अभियुक्तों के खिलाफ अपराध साबित करने में "बुरी तरह से विफल" रहा।

उन्होंने 29 अप्रैल को पारित एक आदेश में कहा, "जनकपुरी के एक पुलिस निरीक्षक को अदालत के फैसले के बाद 24 घंटे के भीतर IPC की धारा 211 (चोट पहुंचाने के इरादे से किए गए अपराध का झूठा आरोप) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है और इस मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष तीन महीने के भीतर दायर करने के लिए कहा।"

आदेश को बुधवार को सार्वजनिक किया गया था।

महिला ने लगाए ते गंभीर आरोप

न्यायाधीश आंचल ने कहा कि महिला ने आरोप लगाया था कि उसके ससुर ने उसके पति और उसकी ननद की उपस्थिति में उसके साथ दुष्कर्म किया था। महिला और उसके पिता की निंदा करते हुए अदालत ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि यह आरोप जानबूझकर लगाया गया है क्योंकि महिला के पिता एक वकील थे और महिला खुद कानून में स्नातक थी।".

न्यायाधीश ने कहा, "इस पृष्ठभूमि के साथ यह अदालत खुद महसूस करती है कि वे लोग जो इनकी तुलना में प्रावधानों और कानून के कम जानकार है और आठ वर्षों से अधिक समय तक (और वर्तमान मामले में) आरोपों का सामना करना पड़ता है।"

उन्होंने कहा, "भारतीय समाज में, पिता और पुत्री के बीच यौन संबंध के बारे में एक-दूसरे से बात तक नहीं करते हैं और इन चीजों से दूरी बनाए रखना सम्मान का प्रतीक मानते हैं लेकिन दुर्भाग्य से यहां लगाए गए आरोपों के साथ महिला और उसके पिता ने इस रिश्ते पर भी हमला किया था।"

उन्होंने कहा कि पूरी कानून प्रणाली पीड़िता के बयान को एक 'गवाह' के रूप में मानती थी और उसे महत्व देती थी, लेकिन उसने अपने पिता के साथ "सबूतों की उदार व्याख्या और मूल्यांकन का भी फायदा उठाया"।

गौरतलब है कि महिला और उसके पिता के आरोपों के बाद जनकपुरी पुलिस थाने ने महिला पति के खिलाफ क्रूरता, आपराधिक विश्वासघात, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, गलत तरीके से बंधक बनाने, आपराधिक धमकी और सामान्य इरादे के अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी।

ससुराल वालों पर IPC की धारा 408 ए (क्लर्क या नौकर द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 406 (विश्वास की आपराधिक शाखा के लिए सजा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 342 (गलत कारावास की सजा) धारा 506 (आपराधिक धमकी), 34 (सामान्य इरादा) और 376 डी के तहत अपराध का आरोप लगाया गया था।

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

Cryptocurrency Scam in India: 350 करोड़ का Crypto Ponzi Scam, Latest News in Hindi

25 Jan 2025 7:22 PM

Amritpal Singh ਦੀ ਨਵੀਂ ਪਾਰਟੀ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ CM Bhagwant Mann ਦਾ ਬਿਆਨ ਪਾਰਟੀ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਸੱਭ ਨੂੰ ਹੱਕ ਹੈ

15 Jan 2025 5:34 PM

'Bapu Surat Singh Khalsa ਵਰਗਾ ਬੰਦਾ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਮਿਲਣਾ ਔਖਾ' | Punjab Latest News Today

15 Jan 2025 5:33 PM

'ਨਾ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਮਾਂ, ਨਾ ਪਿਓ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਗੁਰੂ ਸਾਂਭਿਆ...' Lakha Sidhana ਦੇ ਤਿੱਖੇ ਬੋਲ

15 Jan 2025 5:32 PM

ਭੱਜ ਕੇ Marriage ਕਰਵਾਉਣ ਵਾਲੇ ਜੋੜਿਆਂ ਨੂੰ HighCourt ਦਾ ਜਵਾਬ,ਪਹਿਲਾ Police ਕੋਲ ਜਾਓ ਸਿੱਧਾ ਨਹੀਂ ਆ ਸਕਦੇ !

09 Jan 2025 6:01 PM

ਵੱਡੀ ਖ਼ਬਰ: Oyo ਨੇ Unmarried Couples ਦੀ Hotel's 'ਚ Entry ਕੀਤੀ Ban, ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਨਿਯਮ ਆਪਣੀ ਛਵੀ ਸੁਧਾਰਨਾ

09 Jan 2025 5:59 PM