उन्होंने कहा, "100 सवाल पहले जेपीसी की मांग थी और आज भी रहेगी।"
New Delhi: कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अडाणी समूह के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति 'क्लीन चिट समिति' साबित होगी और विपक्ष इस मामले में सरकार की नीयत एवं नीतियों को लेकर सवाल कर रहा है जिसका जवाब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से ही मिल सकता है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सरकार चाहती है कि विपक्ष जेपीसी की मांग वापस ले ले जिसके एवज में वह राहुल गांधी से माफी की मांग वापस ले लेगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम जेपीसी की मांग को लेकर कोई सौदा करने को तैयार नहीं हैं।" रमेश का कहना था कि राहुल गांधी से माफी की मांग बेबुनियाद है क्योंकि उन्होंने ब्रिटेन में ऐसा कुछ बयान ही नहीं दिया जिसके लिए उन्हें माफी मांगने की जरूरत पड़े।
कांग्रेस नेता का कहना था कि राहुल गांधी की टिप्पणी के मामले का और अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी की मांग का आपस में कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पहले राहुल गांधी के बयान को विकृत किया, फिर बदनाम किया और अब इसके सहारे वह अडाणी मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। रमेश ने कांग्रेस की 'हम अडाणी के हैं कौन' श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री मोदी से बुधवार को 100वां प्रश्न किया।
उन्होंने कहा, "100 सवाल पहले जेपीसी की मांग थी और आज भी रहेगी।" कांग्रेस नेता ने कहा, "उच्चतम न्यायलय ने जो समिति बनाई वह अडाणी केंद्रित समिति है । हम सवाल अडाणी से नहीं, प्रधानमंत्री और सरकार से कर रहे हैं। इन सवालों के जवाब उच्चतम न्यायालय की समिति से नहीं मिल सकते।" उन्होंने दावा किया, "यह घोटाला स्टॉक मार्केट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री की नीयत और नीतियों से संबंधित हैं। हम कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी, चुप्पी तोड़िये। उच्चतम न्यायालय की समिति प्रधानमंत्री को दोषमुक्त करने की कवायद के अलावा कुछ नहीं है। यह क्लीनचिट समिति है।". उन्होंने कहा, "हम जेपीसी की मांग से पीछे हटने वाले नहीं हैं।"