अदालत ने कहा कि उसने मिश्रा के खिलाफ मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है।
New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को एअर इंडिया के विमान में एक महिला पर पेशाब करने के मामले में आरोपी शंकर मिश्रा की याचिका पर सुनवाई के लिए एक अपीलीय समिति गठित करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि दो सप्ताह में समिति का गठन किया जाएगा और उन्होंने मिश्रा को समिति में दो सप्ताह के भीतर याचिका दाखिल करने की अनुमति दी। अदालत ने कहा, ‘‘(समिति की) सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।’’
इसी के साथ अदालत ने मिश्रा की उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें अधिकारियों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वे नशे में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए नागरिक उड्डयन अनिवार्यता (सीएआर) के नियम 8.3 के अनुसार एक अपीलीय समिति का तेजी से गठन करें। अदालत ने कहा कि उसने मिश्रा के खिलाफ मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है।
मिश्रा ने अपनी याचिका में कहा था कि एक जांच समिति ने 18 जनवरी को उसे एक उपद्रवी यात्री बताया था और उस पर चार महीने के लिए उड़ान में सवार होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। मिश्रा ने अपनी याचिका में कहा था कि वह इस आदेश को अपीलीय समिति के समक्ष चुनौती देना चाहता है, लेकिन यह समिति अस्तित्व में नहीं है।
मिश्रा को छह जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और यहां की एक अदालत ने सात जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मिश्रा ने पिछले साल 26 नवंबर को एअर इंडिया की एक उड़ान के बिजनेस क्लास में नशे की हालत में 70 वर्षीय एक महिला पर कथित तौर पर पेशाब किया था। उसे बाद में जमानत मिल गई थी।
नागर विमानन मंत्रालय के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि अपीलीय समिति का गठन नवंबर 2018 में किया गया था तथा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को इसका अध्यक्ष बनाया गया था और दो अन्य सदस्य इसमें शामिल थे। वकील ने बताया कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने इस साल फरवरी में इस्तीफा दे दिया था, जब दो अन्य सदस्यों ने समिति का सदस्य बने रहने पर सहमति जताई थी। मंत्रालय के वकील ने कहा कि अपीलीय समिति का गठन दो सप्ताह के भीतर किए जाने की उम्मीद है।