इस बीच कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
New Delhi: लोकसभा ने शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सरकार द्वारा लाये गये संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया और इसके साथ आगामी वित्त वर्ष के बजट की प्रक्रिया सदन में पूरी हो गयी। लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू हुई। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कराए। इस बीच कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्य अडाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग कर रहे थे और इससे संबंधित नारे लिखी तख्तियों को आसन के समक्ष आकर लहरा रहे थे। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2023 को सदन के विचारार्थ और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया।
विधेयक को पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि कुछ हितधारकों से सुझाव मिले हैं कि सरकारी कर्मचारियों की राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में सुधार होना चाहिए और इस के लिए वह एक समिति के गठन का प्रस्ताव कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का प्रस्ताव करती हूं जो सरकारी कर्मचारियों के पेंशन से संबंधित मुद्दों पर राजकोषीय बुद्धिमत्ता के साथ विचार करेगी।’’
सीतारमण ने सदन में यह भी कहा कि विदेशी दौरों के लिए क्रेडिट कार्ड भुगतान ‘लिबरलाइज्ड रिमिटेन्स स्कीम’ (एलआरएस) के तहत कैप्चर नहीं किये जा रहे हैं और इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक से विचार करने को कहा गया है। इसके बाद सभा ने क्रमवार वित्त विधेयक से जुड़े सरकारी संशोधनों को मंजूरी दी और यथासंशोधित वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। साथ ही सदन ने वित्त विधेयक पर विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया।
सदन ने बृहस्पतिवार को ‘गिलोटिन’ के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की अनुदान मांगों को और संबंधित विनियोग विधेयक को भी हंगामे के बीच ध्वनिमत से मंजूरी दी थी। आज वित्त विधेयक पारित होने के साथ निम्न सदन में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की प्रक्रिया पूरी हो गयी। लोकसभा में एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किए जाने के साथ ही बजट प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी।