पीठ ने संशोधित याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को चार सप्ताह का समय दिया.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के दिल्ली सेवा (विधेयक) कानून के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में संशोधन करने की अनुमति दे दी है। बता दें कि सेवा अध्यादेश अब कानून बन चुका है।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर गौर करते हुए कहा कि याचिका में अध्यादेश को चुनौती दी गई थी, जो अब संसद से मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका में संशोधन की अनुमति दे दी. वहीं, केंद्र ने कहा कि उसे इस पर कोई आपत्ति नहीं है. पीठ ने संशोधित याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को चार सप्ताह का समय दिया.
आपको बता दें कि संसद में गहन बहस और विपक्षी दलों द्वारा इसे पारित होने से रोकने के प्रयासों के बावजूद, सदन ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी, जिसे दिल्ली सेवा विधेयक भी कहा जाता है। इससे राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों की पोस्टिंग और ट्रांसफर पर केंद्र के प्रस्तावित कानून का रास्ता साफ हो गया है।