उच्च न्यायालय 2000 रुपये के नोट वापस लेने के खिलाफ दायर याचिका पर 29 मई को करेगा सुनवाई

खबरे |

खबरे |

उच्च न्यायालय 2000 रुपये के नोट वापस लेने के खिलाफ दायर याचिका पर 29 मई को करेगा सुनवाई
Published : May 26, 2023, 6:32 pm IST
Updated : May 26, 2023, 6:32 pm IST
SHARE ARTICLE
High Court to hear on May 29 the petition filed against the withdrawal of 2000 rupee notes
High Court to hear on May 29 the petition filed against the withdrawal of 2000 rupee notes

इस हफ्ते की शुरूआत में, अदालत ने कहा था कि वह अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर आदेश जारी करेगी।

New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि 2000 रुपये के बैंक नोट को वापस लिया जाना ‘मुद्रा प्रबंधन’ कार्य है और यह आर्थिक नीति का विषय है। अदालत ने मामले की सुनवाई 29 मई के लिए निर्धारित कर दी। उच्च न्यायालय 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने के आरबीआई के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ से आरबीआई ने इस तथ्य के आलोक में सुनवाई टालने का अनुरोध किया कि नोट वापस लेने की अधिसूचना से संबद्ध अन्य जनहित याचिका (पीआईएल) पर अदालत द्वारा फैसला सुरक्षित रखा गया है। पीठ ने पक्षों से कहा, ‘‘विषय को सोमवार के लिए सूचीबद्ध किया जाए।’’ पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद भी शामिल हैं।.

आरबीआई के वकील एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पराग पी त्रिपाठी ने कहा कि रजनीश भास्कर गुप्ता द्वारा दायर मौजूदा याचिका अनुपयुक्त है क्योंकि 2000 रुपये के बैंक नोट वापस लिया जाना नोटबंदी (विमुद्रीकरण) नहीं, बल्कि ‘मुद्रा प्रबंधन’ कार्य है, और आर्थिक नीति का विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘कथित नोटबंदी का यह मुद्दा एक पूर्ववर्ती रिट याचिका का विषय है, जिस पर आपने आदेश सुरक्षित रख लिया है। वह आदेश जारी होने दीजिए। उसके बाद इसकी सुनवाई करें।’’

इस हफ्ते की शुरूआत में, अदालत ने कहा था कि वह अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर आदेश जारी करेगी। याचिका में दावा किया गया है कि बगैर पहचान पत्र के 2000 रुपये के बैंक नोट की अदला-बदली करने के संबंध में आरबीआई और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा जारी अधिसूचनाएं मनमानी और भ्रष्टाचार की रोकथाम करने के लिए लागू कानूनों के खिलाफ हैं।

आरबीआई ने कहा था कि 2000 रुपये के नोट को वापस लेना नोटबंदी नहीं है, बल्कि एक सांविधिक कार्य है।

उल्लेखनीय है कि 19 मई को आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि चलन में मौजूद ये नोट या तो बैंक खातों में जमा किये जाएं या 30 सितंबर तक इनकी अदला-बदली की जाए।

आरबीआई ने एक बयान में कहा था कि 2000 रुपये के नोट की वैधता बनी रहेगी।

वहीं, एसबीआई ने अपने सभी स्थानीय मुख्य कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधकों को 20 मई को एक पत्र लिख कर उन्हें सूचित किया था कि लोग एक बार में 20,000 रुपये की सीमा तक 2000 रुपये के नोट की अदला-बदली कर सकेंगे और इसके लिए कोई पर्ची लेने की जरूरत नहीं होगी। पत्र में यह भी कहा गया था, ‘‘नोट की अदला-बदली के दौरान लोगों द्वारा कोई पहचान पत्र सौंपे जाने की जरूरत नहीं होगी।’’

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

कुर्सी लेकर निकले Justin Trudeau, Canada में ट्रूडो का शासन ख़त्म, जीभ बाहर, हाथ में कुर्सी

11 Mar 2025 5:56 PM

न ग्रंथ साहिब, न पंथ, तो कैसे बना नया जत्थेदार, मजीठिया के पक्ष में Chandumajra

10 Mar 2025 7:13 PM

चंडीगढ़ में REV EXPO के तीसरे संस्करण में क्या था खास?

10 Mar 2025 7:10 PM

ड्रग तस्कर का घर तोड़ने पहुंची पुलिस, फूट-फूटकर रोने लगी महिला

10 Mar 2025 7:09 PM

नशे को बेचकर बनाए गए घरों को ताश के पत्तों की तरह ढ़ाह रहा प्रशासन | Khanna Bulldozer Action

06 Mar 2025 5:48 PM

चिट्ठियों के मुद्दे पर Simranjit Singh Maan का Exclusive Interview

06 Mar 2025 5:46 PM