सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिकाओं को देखना हमारा काम नहीं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में दखल नहीं देगा। यह कोर्ट का मामला नहीं है। इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने की. कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है. संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार राष्ट्रपति भी संसद का एक महत्वपूर्ण अंग है। ऐसे में लोकसभा सचिवालय द्वारा नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से न करवाना गलत है.
न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता एवं वकील जय सुकीन से कहा कि न्यायालय इस बात को समझता है कि यह याचिका क्यों और कैसे दायर की गई तथा वह संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका की सुनवाई नहीं करना चाहता।
केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यदि याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाती है, तो उसे उच्च न्यायालय में दायर किया जाएगा। इसके बाद पीठ ने याचिका को वापस ले ली गई मानकर खारिज कर दिया।
बतो दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं . वहीं विपक्षी दल लोगोतार इस बात का विरोध कर रहे हैं.