आधार में पता बदलने की आसान प्रक्रिया साइबर धोखाधड़ी का प्रमुख कारण : पुलिस

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आधार में पता बदलने की आसान प्रक्रिया साइबर धोखाधड़ी का प्रमुख कारण : पुलिस
Published : Mar 28, 2023, 10:55 am IST
Updated : Mar 28, 2023, 10:55 am IST
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Easy process to change address in Aadhaar main reason for cyber fraud: Police
Easy process to change address in Aadhaar main reason for cyber fraud: Police

आधार कार्ड धारक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से कई तरीकों से अपना पता बदलवा सकता है।

New Delhi: साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का मानना है कि आधार कार्ड में पता बदलवाने की आसान प्रक्रिया साइबर धोखाधड़ी का एक सबसे बड़ा कारण है। आधार कार्ड धारक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से कई तरीकों से अपना पता बदलवा सकता है। UIDAI ही आधार कार्ड जारी करती है।

इनमें से एक तरीका यह है कि व्यक्ति UIDAI की वेबसाइट से पता-परिवर्तन प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकता है और इसे विभिन्न लोक अधिकारियों जैसे कि सांसद, विधायक, पार्षद, समूह ‘‘ए’’ एवं समूह ‘‘बी’’ के राजपत्रित अधिकारी और एमबीबीएस डॉक्टर से हस्ताक्षर कराकर इसे अपलोड कर सकता है।

साइबर अपराध के कई सुलाझाए गए मामलों में जांच अधिकारियों ने पाया है कि जालसाजों ने आधार डेटाबेस में अपने व्यक्तिगत विवरण को अद्यतन करने के लिए फर्जी रबर स्टैंप और लोक अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया। कुछ मामलों में लोक प्राधिकारियों ने भी व्यक्तियों की जानकारी सत्यापित किए बिना लापरवाही से अपनी मोहर और हस्ताक्षर प्रदान कर दिए।

एक जांच अधिकारी ने कहा, ‘‘साइबर धोखाधड़ी मामले में हमने पाया कि एक विधायक ने आरोपी के पते में परिवर्तन के प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके आधार पर उसने आधार डेटाबेस में अपना पता बदलवा लिया। आगे की जांच में हमें पता चला कि विधायक ने अपने कार्यालय के एक कर्मी को इस तरह के प्रमाणपत्रों पर मुहर लगाने और उसके हस्ताक्षर का इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत किया था।’’.

मार्च 2022 में निरीक्षक खेमेंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस के मध्य जिले के साइबर थाने की जांच टीम ने एक मामले का पर्दाफाश किया, जिसमें दो नाइजीरियाई नागरिकों सहित छह लोग खुद को अनिवासी भारतीय (एनआरआई) दुल्हे के तौर पर पेशकर युवतियों को ठगा करते थे। जांच के दौरान टीम को यह पता चला कि आरोपियों ने एक डॉक्टर की मदद से अपने आधार डेटाबेस में पता बदलवाया था जिसने महज 500 रुपये में पता बदलने संबंधी उनके प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर किया था।

दिल्ली पुलिस के ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस’ (IFSO) के उपायुक्त प्रशांत गौतम ने कहा, ‘‘साइबर अपराधी अपना पता बदलते हैं और कुछ मामलों में तो वे अपने आधार डेटाबेस में कई बार अपना पता बदलते हैं और पीड़ितों के खातों से पैसे हस्तांतरित करने के लिए अलग-अलग बैंकों में कई खाते खुलवाते हैं।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘पुलिस के पास आधार डेटा तक पहुंच नहीं है, इसलिए हमें प्रत्येक मामले में आरोपी के मूल विवरण का पता लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ता है, जिससे देरी होती है और हमारा काम चुनौतीपूर्ण हो जाता है।’’ जांच अधिकारियों का कहना है कि ऐसा लगता है कि यूआईडीएआई की वेबसाइट पर अपलोड की गई व्यक्तियों की बदली हुई जानकारी को दोबारा सत्यापित करने का कोई तरीका नहीं है।

Location: India, Delhi, New Delhi

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