मंत्री ने सदन को बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 और 2022-23 में कुल 12,103 सीट भरी गईं, जबकि सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 6,822 सीट खाली रहीं।
गांधीनगर : गुजरात सरकार ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि पिछले वर्ष 31 दिसम्बर तक राज्य के 16 सरकारी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में स्वीकृत 2744 पदों में से कुल 1004 यानी 36.6 प्रतिशत पद, जबकि सरकारी पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के 3463 स्वीकृत पदों में से 986 यानी 28.5 प्रतिशत पद रिक्त थे।
राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया द्वारा सरकारी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में रिक्तियों के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
मंत्री के जवाब में बताया गया है कि कर्मचारियों के इस्तीफे, सेवानिवृत्ति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, दूसरी नौकरी में स्थानांतरण, पदोन्नति और मृत्यु आदि इन पदों के खाली होने के मुख्य कारण थे। पटेल ने कहा कि 16 सरकारी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी तक के 2,744 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1,740 पद 31 दिसंबर, 2022 तक भरे थे।
उन्होंने बताया कि प्रथम श्रेणी के 534 स्वीकृत पदों में से 308 यानी लगभग 58 प्रतिशत पद रिक्त हैं, जबकि द्वितीय श्रेणी के स्वीकृत 1,467 पदों में से 189 अर्थात 13 प्रतिशत पद रिक्त हैं। मंत्री ने कहा कि तृतीय श्रेणी में 64.8 प्रतिशत (478 में से 310) पद खाली थे, जबकि चतुर्थ श्रेणी में यह आंकड़ा 74.3 प्रतिशत (265 में से 196) पदों का था।
पटेल ने कहा, ‘‘पॉलिटेक्निक में रिक्त 986 पदों में से प्रथम श्रेणी के 84 पद, द्वितीय श्रेणी के 182 और तृतीय श्रेणी के 720 पद रिक्त हैं।’’ स्वास्थ्य विभाग का अतिरिक्त जिम्मा संभाल रहे पटेल ने एक अलग तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि राजकोट में सरकारी (पीडीयू मेडिकल) कॉलेज एवं अस्पताल में प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी तक के स्वीकृत 744 पदों में से लगभग 33 प्रतिशत या 249 पद खाली हैं।
मंत्री ने सदन को बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 और 2022-23 में कुल 12,103 सीट भरी गईं, जबकि सरकारी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में 6,822 सीट खाली रहीं। इन दो शैक्षणिक वर्षों के दौरान अनुदान प्राप्त और स्व-वित्तपोषित इंजीनियरिंग कॉलेजों में खाली सीटों की संख्या क्रमशः 538 और 62,829 थी।
पटेल ने कहा कि पिछले दो शैक्षणिक सत्रों में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी (जीएमईआरएस) द्वारा संचालित पांच मेडिकल कॉलेज 2022 में चालू हो गये और 500 छात्रों को प्रवेश दिया गया। उन्होंने कहा कि 2021 में, राजकोट में एक निजी मेडिकल कॉलेज और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कुल 200 छात्रों को दाखिला दिया था .