इस घटना में महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोगों की मौत हो गई थी
गोधरा: गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी के मामले में आठों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट जमानत दे दी है। आठ अपराधी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। बता दें कि अदालत ने इन दोषियों को 17-18 साल जेल में बिताने के आधार पर जमानत दी है. इन दोषियों को निचली अदालत और हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
बता दें कि इस घटना में महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोगों की मौत हो गई थी. ट्रेन की बोगी को आग लगाए जाने के बाद पूरा गुजरात सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आ गया था।.
बता दें कि इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को राहत देने से इनकार कर दिया। चारों दोषियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा घटना में उनकी भूमिका को उजागर करते हुए उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया गया था।
जिन याचिकाकर्ताओं की जमानत याचिका खारिज हुई थी उनकी तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने पीठ से उनकी अर्जियों पर सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कल त्योहार है। गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले मेहता ने पहले कहा था कि यह केवल पथराव का मामला नहीं है, क्योंकि दोषियों ने साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगा दी थी जिससे 59 यात्रियों की मौत हो गई थी।
सजा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में कई याचिकाएं लंबित हैं।
गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी 2002 को ट्रेन की एस-6 बोगी में आग लगाए जाने से 59 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में दंगे भड़क उठे थे।
उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2017 के अपने फैसले में गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में 11 दोषियों को दी गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। उसने 20 अन्य को दी गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था।