'पंचगव्य' गाय से प्राप्त दूध, मूत्र, गोबर, घी और दही से संबंधित है।
चंडीगढ़ : हरियाणा मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'पंजाब विलेज कॉमन लैंड्स (रेगुलेशन) रूल्स 1964' में संशोधन कर ग्राम पंचायतों को गौशालाओं, बायोगैस संयंत्रों और पशु चिकित्सालयों की स्थापना करने वाली परोपकारी संस्थाओं या धर्मार्थ संस्थानों को गांव की जमीन पट्टे पर देने की अनुमति दी।
ग्राम पंचायतें 'शामलात देह’ भूमि (आरक्षित और सामान्य उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली गांव की जमीन) को भी उन परोपकारी संस्थाओं या धर्मार्थ संस्थानों को पट्टे पर देगी जो अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना, 'पंचगव्य' उत्पाद और चारा की खेती करना चाहते हैं।
'पंचगव्य' गाय से प्राप्त दूध, मूत्र, गोबर, घी और दही से संबंधित है। आयुर्वेद और पारंपरिक भारतीय पद्धतियों में इसका औषधीय महत्व है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने 'सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एसएमडीए), सोनीपत, 2023' विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी।