क्या उपहार के रूप में दी गई रकम पर कोई टैक्स नियम नहीं है? उत्तर हां भी है और नहीं भी।
Tax on wedding gift : दुनिया में भारत एक ऐसा देश है जहां लोग अपने जीवन भर की कमाई भी शादी में खत्म कर देते है. यहां जैसी शादी शायद ही किसी देश में होती है. भारत में शादियों में तोहफे देने पर काफी पैसा खर्च किया जाता है। यहां शादियों में उपहार के तौर पर नकद राशि लाखों करोड़ों में दी जाती है। हाल ही में हरियाणा के रेवाड़ी में एक शख्स ने अपनी भतीजी की शादी और उपहार के रूप में 1 करोड़, 1 लाख, 11 हजार और 101 रुपये नकद दिए. इतने पैसे कैश में देने की वजह से ये शादी अब चर्चा में है. इस बीच लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या उपहार के रूप में दी गई रकम पर कोई टैक्स नियम नहीं है? उत्तर हां भी है और नहीं भी।
दरअसल, भारत के आयकर अधिनियम के मुताबिक, शादी में उपहार के तौर पर कितनी भी रकम या कितनी भी रकम का उपहार दिया जा सकता है। इस पर नए जोड़े को कोई टैक्स नहीं देना होता है. साथ ही रकम देने वाले व्यक्ति पर सामान्य टैक्स नियम ही लागू होंगे. उस राशि को व्यक्ति की आय माना जाएगा। उस रकम का स्रोत तय करेगा कि उस पर कैसे और कितना टैक्स लगेगा. लेकिन इसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है.
बेशक, उपहार प्राप्त करने पर किसी पर सीधे कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन अगर उस गिफ्ट का इस्तेमाल कमाई के लिए किया जाए तो उस कमाई पर टैक्स देना पड़ता है. मान लीजिए आपने किसी को घर गिफ्ट किया है। इसपर गिफ्ट प्राप्त रृकरने वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन अगर वह व्यक्ति इस घर से किसी तरह का इनकम करता है तो उस घर से होने वाली आय पर टैक्स देना होगा।
कौन-कौन दे सकता है कर-मुक्त उपहार ?
रिश्तेदारों से मिले किसी भी उपहार पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। रिश्तेदारों में आपका साथी, भाई-बहन (उनके साथी), माता-पिता, दादा-दादी या पूर्वज शामिल हैं। किसी भी वसीयत या विरासत में मिली संपत्ति पर कोई कर देय नहीं है। अगर कोई व्यक्ति किसी को कुछ इसलिए सौंप रहा है क्योंकि उसे पता है कि कुछ समय में उसकी मृत्यु हो जाएगी। ऐसी वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं है.