शिमला-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित दोनों शहर भीड़भाड़ वाले हैं।
बिलासपुर : हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और बिलासपुर कस्बों में सरकारी भूमि और सड़कों पर अतिक्रमण आम लोगों और सरकारी एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। शिमला-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित दोनों शहर भीड़भाड़ वाले हैं। यहां देश के विभिन्न हिस्सों खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में लोग अतिक्रमित भूमि पर सब्जियां, फल, कपड़े और अस्थायी दुकानों खोलकर खाने-पीने का सामान बेचते हैं।
एक वरिष्ठ नागरिक, रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि नगर निकाय और जिला प्रशासन को शिकायतों के बावजूद, "रेहड़ियों" और दुकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे राहगीरों, विशेषकर बुजुर्ग लोगों को परेशानी हो रही है। स्थानीय नगर निकाय के अध्यक्ष मनोज मिन्हास ने बताया कि हमीरपुर शहर में मुख्य बाजार सड़क पर लगभग 300 "खोखे" और "रेहड़ी" लगी हैं, जिनमें से केवल 191 पंजीकृत हैं।.
उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारियों को हटाने के प्रयास जारी हैं। इस उद्देश्य के लिए नगर निकाय के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया कि बिलासपुर में भी स्थिति अलग नहीं है। यहां नगर परिषद ने दर्जनों लोगों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर नगर परिषद जिला प्रशासन की मदद से अतिक्रमण हटायेगी।
वहीं, कार्यपालक अधिकारी उर्वशी वालिया ने बताया कि जिला प्रशासन ने जमीन पर कब्जा करने वाले 100 परिवारों की सूची जारी की है। जिन परिवारों की नियमितीकरण की फाइलें खारिज की गई हैं उन्हें भी नोटिस किया गया है।
उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारियों द्वारा 150 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर कब्जा किया गया है और इस संबंध में एक समिति गठित की गई है। वालिया ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर कब्जा की गई जमीन को खाली नहीं करने पर नगर परिषद अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।